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Sawan Month 2020: जगत के पालनकर्ता भगवान शिव तत्व को पहचानिए स्वयं को जानिए

Sawan Month 2020 हिंदू दर्शन में शिव को आध्यात्मिक ऊर्जा माना गया है इसलिए शिव की असल आराधना स्वयं को पूरी तरह जानना है। अपने अंदर की शक्ति को पहचानना और जागृत करना है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 11:42 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 11:42 AM (IST)
Sawan Month 2020: जगत के पालनकर्ता भगवान शिव तत्व को पहचानिए स्वयं को जानिए
Sawan Month 2020: जगत के पालनकर्ता भगवान शिव तत्व को पहचानिए स्वयं को जानिए

 नई दिल्‍ली, जेएनएन। Sawan Month 2020 भगवान शिव भाव के भूखे हैं। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि वे सिर्फ एक लोटा जल व बेल पत्र से प्रसन्न हो जाते हैं। श्रावण मास में उनकी ध्यान-साधना का विशेष महत्व है। दरअसल, यह माह तामसी शक्ति का दमन कर सतोगुण से ऐश्वर्य प्राप्ति की बेला है। हिंदू दर्शन में शिव को आध्यात्मिक ऊर्जा माना गया है इसलिए शिव की असल आराधना स्वयं को पूरी तरह जानना है। अपने अंदर की शक्ति को पहचानना और जागृत करना है। ओउम में सब समाहित है। सिर्फ इसका जाप करने से ही आप अपने अंदर शक्ति महसूस कर सकते हैं।

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शास्त्रों में कहा गया है कि यह चार महीनों में होने वाला एक वैदिक यज्ञ है, जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है, जिसे चौमासा भी कहा जाता है। श्रावण मास में भगवान आशुतोष महादानी होते हैं। श्रावण मास की विशेष महिमा इस कारण से भी है कि माता पार्वती ने युवावस्था में श्रावण महीने में ही निराहार रह कर कठोर व्रत किया। जिससे भगवान शिव प्रसन्न हुए और माता पार्वती के साथ विवाह हुआ। इस मास की यही खूबसूरती है कि इस समय पूरी प्रकृति मुस्कराती है और प्रकृति के हर जीव में एक नई ऊर्जा उत्पन्न होती है।

जो भी श्रद्धालु एवं भक्त त्रिनेत्रधारी भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ‘ऊं नम: शिवाय’ का सच्चे मन से जाप करता है, भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं। वह अपने भक्तों को भवसागर से पार लगाते हैं। यह ऐसा समय है, जब धीरे-धीरे युग परिवर्तन का वातावरण सृजित होता दिखाई दे रहा है। सद्प्रवृत्तियों पर आसुरी प्रवृत्तियां हावी होती जा रही हैं। छल, प्रपंच, झूठ, व्यभिचारऔर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि जब आसुरी प्रवृत्तियां चरम पर पहुंचने लगती हैं, तब असुर और अभिमानियों का पतन शुरू हो जाता है।

 प्रो. रामयत्न शुक्ल अध्यक्ष, श्रीकाशी विद्वत परिषद


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