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Sawan Month 2020: सावन का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष महत्व, भीतर की शक्ति जगाने का समय

Sawan Month 2020 पुराणों के अनुसार इस माह सभी ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का वास होता है। सावन में भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 08:06 AM (IST)
Sawan Month 2020: सावन का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष महत्व, भीतर की शक्ति जगाने का समय
Sawan Month 2020: सावन का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष महत्व, भीतर की शक्ति जगाने का समय

नई दिल्‍ली, जेएनएन। Sawan Month 2020 सावन का धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से विशेष महत्व है। इस माह हम भीतर की दिव्य शक्ति जगा पाते हैं। खुद को भीतर से मजबूत कर पाते हैं। इस शक्ति से विश्व कल्याण के साथ स्वयं को भी स्वस्थ रख सकते हैं। सावन श्रद्धा को जगाने का समय है। विज्ञानी भी मानते हैं कि जहां ज्योतिर्लिंग होते हैं, वहां सबसे ज्यादा रेडिएशन मिलता है। जहां स्वयं भू-शिवलिंग हैं, वहां शक्ति का अहसास होता है। 

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तभी बड़ी-बड़ी आपदाओं में ऐसे मंदिर सुरक्षित रहे हैं। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए देवताओं ने आराधना की थी। देवता शिव की शरण में योग शिक्षा लेते हैं। असमय मौत से मुक्ति के लिए अनुष्ठान का विशेष विधान है। इस माह भगवान शिव शिवलिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। माता पार्वती ने भगवान शिव को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए उनकी तपस्या इसी माह शुरू की थी।

सावन में किया शिव कर्म शिवलोक को प्राप्त होता है। सावन का वनस्पति से भी संबंध है। कई प्रकार की वनस्पतियों से शिव साधना फल देती है। पुराणों के अनुसार इस माह सभी ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का वास होता है। सावन में भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। उनकी प्रसन्नता की झलक हरी भरी प्रकृति के जरिए देखी जा सकती है।

जो भी श्रद्धालु एवं भक्त त्रिनेत्रधारी भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र ‘ऊं नम: शिवाय’ का सच्चे मन से जाप करता है, भोलेनाथ उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं। वह अपने भक्तों को भवसागर से पार लगाते हैं। यह ऐसा समय है, जब धीरे-धीरे युग परिवर्तन का वातावरण सृजित होता दिखाई दे रहा है। सद्प्रवृत्तियों पर आसुरी प्रवृत्तियां हावी होती जा रही हैं। छल, प्रपंच, झूठ, व्यभिचारऔर भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

पं. राम कुमार मिश्रा, मुख्य पुजारी, महाकाल मंदिर, बैजनाथ, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश 


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