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सऊदी अरब ने किया तुर्की के बहिष्कार का आह्वान, इजरायल की भी सख्त चेतावनी

सऊदी अरब के अलावा इजरायल ने भी सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि तुर्की पर लगाम लगाए नाटो नहीं तो हम कदम उठाएंगे। तुर्की हमास की भी मदद कर रहा है जो इजरायल पर आए दिन होने वाले हमलों के लिए जिम्मेदार है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 06:02 AM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 06:54 PM (IST)
सऊदी अरब ने किया तुर्की के बहिष्कार का आह्वान, इजरायल की भी सख्त चेतावनी
सऊदी अरब के अलावा इजरायल भी तुर्की के खिलाफ।

नई दिल्ली, आइएएनएस। सऊदी अरब ने अपने नागरिकों से तुर्की का बहिष्कार करने के लिए कहा है। मतलब, तुर्की से हर तरह का रिश्ता और वहां की वस्तुओं का इस्तेमाल खत्म करने के लिए कहा गया है। जबकि इजरायल ने नाटो से कहा है कि वह तुर्की की हरकतों पर लगाम लगाए, नहीं तो वह विकल्पों पर विचार करने को बाध्य होगा।

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सऊदी अरब के चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अजलान अल अजलान ने ट्वीट कर तुर्की की हर चीज का बहिष्कार करने का आह्वान किया। यह बहिष्कार वहां की वस्तुओं के आयात, निवेश और पर्यटन को लेकर होगा। इसमें देश के सभी कारोबारियों और उपभोक्ताओं को भागीदारी निभानी होगी। यह निर्णय तुर्की सरकार द्वारा सऊदी अरब और सऊदी नेतृत्व को नीचा दिखाने वाले बयानों और हरकतों के कारण लिया गया है।

तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने हाल ही में अरब देशों पर क्षेत्र को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। एर्दोगन ने यूएई और बहरीन द्वारा इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने की निंदा की थी। कहा था कि अरब देश समूचे मध्य-पूर्व क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं। एर्दोगन ने अपने देश की संसद में कहा था कि वह अल्लाह की अनुमति से अपने देश का झंडा पूरे इलाके में फिर से फहराने के लिए प्रयास जारी रखेंगे।

इजरायल के रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज ने शांति प्रयासों के खिलाफ तुर्की की हरकतों पर नाराजगी जाहिर की है। गल्फ अरब मीडिया से वार्ता में गेंट्ज ने कहा, तुर्की और ईरान शांति को बढ़ावा देने को तैयार नहीं हैं। वे क्षेत्र में अराजकता की स्थिति बनाना चाहते हैं। गेंट्ज ने कहा, तुर्की का सीरिया, लीबिया और भूमध्य सागर क्षेत्र में हस्तक्षेप शांतिपूर्ण हालात खराब कर रहा है।

तुर्की हमास की भी मदद कर रहा है, जो इजरायल पर आए दिन होने वाले हमलों के लिए जिम्मेदार है। तुर्की की इन हरकतों से क्षेत्र में अस्थिरता पैदा हो रही है। नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के सदस्य के रूप में तुर्की की ये हरकतें बेहद आपत्तिजनक हैं। नाटो तुर्की पर लगाम लगाए, नहीं तो इजरायल विकल्पों पर विचार करेगा।


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