काम आई मोदी व किंग सलमान की दोस्ती, सऊदी अरब करेगा भारतीयों की मदद
सऊदी अरब में भारतीय कामगारों की स्थिति की समीक्षा और उन्हें वहां से निकालने जेद्दा गये विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह अब अकेले ही भारत लौटेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत सरकार ने पिछले एक वर्ष के दौरान सऊदी अरब के साथ अपने रिश्तों को नये सिरे से तवज्जो देने की जो प्रक्रिया शुरू की है उसका बेहतर नतीजा अब दिखाई देने लगा है। खास तौर पर जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के किंग सलमान के साथ एक व्यक्तिगत रिश्ते की नींव रखी है उससे वहां की सरकार का नजरिया न सिर्फ भारत के प्रति बल्कि वहां काम करने वाले लाखों भारतीयों को लेकर भी बदला है। इसका सबसे बड़ा संकेत सऊदी कंपनियों के बंद होने से वहां बेरोजगार हुए भारतीयों को लेकर जो मानवीय व्यवहार स्थानीय सरकार ने दिखाया है वैसा उदाहरण पहले कभी नहीं दिखाई दिया।
सऊदी अरब की सरकार न सिर्फ बेरोजगार हुए भारतीयों को खाना व दवा-दारू देने को तैयार हो गई है बल्कि इन्हें नए सिरे से रोजगार देने में भी मदद करने का तैयार है। सऊदी सरकार के आश्वासन का नतीजा है कि वहां भारतीय कामगारों को लाने की योजना में जुटे विदेश मंत्रालय को अपना विचार बदलना पड़ा है।
भारतीय कामगारों की स्थिति की समीक्षा करने और उन्हें वहां से निकालने की मंशा के साथ जेद्दा गये विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह अब अकेले ही भारत लौटेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि जो भारतीय मजदूर वापस लौटना चाहते हैं उनकी व्यवस्था सऊदी सरकार करने को तैयार है। सऊदी ने यहां तक आश्वासन दिया है कि भारत लौटने के बावजूद मजदूरों के बकाये भुगतान के मामले का पता लगाया जाएगा और उसकी अदाएगी सुनिश्चित की जाएगी।
जनरल सिंह ने जब सऊदी अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बगैर किसी देरी के विभिन्न शिविरों में रहने वाले भारतीयों को राशन-पानी भिजवाने का प्रबंध कर दिया। स्थानीय अस्पताल से बीमार श्रमिकों के इलाज की व्यवस्था भी की गई है। सऊदी ने कहा है कि वह प्रभावित भारतीय श्रमिकों की वीजा अवधि समाप्त होने पर उनसे बगैर कोई फीस या जुर्माना लिए उनकी काम करने की अवधि बढ़ाने की व्यवस्था भी की जा रही है। जो श्रमिक वहां रहना चाहते हैं उन्हें अन्य कंपनियों में रोजगार दिलाने में भी मदद करने का आश्वासन दिया गया है। इसके लिए अतिरिक्त लेबर कार्ड जारी करने की बात भी सऊदी ने स्वीकार कर ली है। वहां के श्रम मंत्रालय ने भारतीय मजदूरों के अन्य मामलों को निपटाने के लिए विशेष दल का गठन किया है। यह अपने आप में ऐतहासिक कदम है।
उल्लेखनीय बात यह है कि सऊदी सरकार ने यह सुविधाएं भारतीय श्रमिकों के लिए ही लागू की है जबकि वहां मंदी से बंद होने वाली कंपनियों में दूसरे देशोंं के श्रमिक भी मुसीबत में हैं। सनद रहे कि पीएम मोदी ने कुछ ही महीने पहले सऊदी अरब की यात्रा की है। उनकी किंग सलमान से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीन-चार बार मुलाकात हो चुकी है और दोनों के बीच काफी बेहतर ताल्लुक विकसित हो रहे हैं। मोदी को सऊदी अरब का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भी मिला है।