ओडिशा में युवा बाघ महावीर की मौत के बाद बंद किया गया सातकोशिया प्रोजेक्ट
युवा रॉयल बंगाल टाइगर महावीर को मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से लाया गया था। यह बाघ सातकोशिया के वन कोर में रहस्यमय ढंग से मृत पाया गया है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा में बाघ की आबादी को बढ़ावा देने की राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अथारिटी (एनटीसीए) की योजना को गहरा झटका लगा है। युवा रॉयल बंगाल टाइगर महावीर की बुधवार को अनुगुल जिले के सातकोशिया जंगल में मृत्यु हो गई है।
मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से इस युवा बाघ को लाया गया था, जो सातकोशिया के वन कोर में रहस्यमय ढंग से मृत पाया गया है। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश से लाकर सातकोशिया जंगल में छोड़ी गई बाघिन सुंदरी द्वारा दो लोगों को अपना शिकार बनाए जाने के बाद उसे भी बंदी बना लिया गया है। ऐसी स्थिति में सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। मुख्य वन संरक्षक पदाधिकारी (पीसीसीएफ) डॉ. संदीप त्रिपाठी के अनुसार, सातकोशिया बाघ प्रोजेक्ट, अनुगुल को सामयिक तौर पर बंद किया गया है।
एनटीसीए के साथ चर्चा करने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा। महावीर की मौत का सटीक कारण अभी तक पता नहीं लगा है लेकिन उसके गर्दन के पास चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे माना जा रहा है कि इसी चोट के कारण संक्रमण होने से उसकी मौत हुई है। किस परिस्थिति में महावीर की मौत हुई है, इसकी जांच की जिम्मेदारी अनुगुल डीएफओ को सौंपी गई है।
मात्र ढाई साल के युवा महावीर बाघ को एनटीसीए की ओर से वंश वृद्धि की उम्मीद में सुंदरी बाघिन के पास जंगल में छोड़ा गया था। हालांकि सुंदरी व महावीर के मिलन से पहले ही बाघिन गांवों की तरफ निकल आई और लोगों को अपना आहार बनाने लगी। ऐसे में उसे बंदी बनाकर रखा गया है। अब महावीर की मृत्यु हो जाने से राष्ट्रीय बाघ संरक्षण को तगड़ा झटका माना जा रहा है।