Move to Jagran APP

विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- भारतीय इतिहास में सरदार पटेल का योगदान बेहद अहम

विभाजन के दौरान रियासतों को एकीकृत करने में पटेल की भूमिका के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि सरदार पटेल जम्मू और कश्मीर हैदराबाद और जूनागढ़ का भारत में विलय कराने के लिए जाना जाता है लेकिन वास्तव में उनका योगदान और भी अधिक था।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 09:36 AM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- भारतीय इतिहास में सरदार पटेल का योगदान बेहद अहम
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की फाइळ फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का भारतीय इतिहास में योगदान जम्मू और कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ को भारत में मिलाने की उनकी भूमिका से कहीं अधिक है। सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ये बात कही।

loksabha election banner

विभाजन के दौरान रियासतों को एकीकृत करने में पटेल की भूमिका के बारे में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि सरदार पटेल जम्मू और कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ का भारत में विलय कराने के लिए जाना जाता है, लेकिन वास्तव में उनका योगदान और भी अधिक था। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के लिए पटेल ने सिविल सेवाओं को फिर से बनाने में योगदान दिया। वे ऐसा कर सकते थे क्योंकि उसके पास प्रशासनिक कौशल था।

जयशंकर ने कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए जनता की ऊर्जा का इस्तेमाल करने की उनकी क्षमता अद्भूत थी। उनकी आर्थिक समझ पर शायद इतिहास में कम ध्यान दिया गया है, जितनी वो हकदार थे। पटेल के योगदान की सराहना करते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप से अधिक उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर तेजी से राष्ट्रीय क्षमताओं के निर्माण के महत्व को पहचाना। जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है तो निस्संदेह वह सबसे कठोर और व्यावहारिक थे।                                                                              

वहीं, चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए, दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का निश्चित तौर पर पूरी निष्ठा के साथ सम्मान किया जाना चाहिए। जहां तक वास्तविक नियंत्रण रेखा की बात है, तो यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की कोई भी कोशिश अस्वीकार्य है। विदेश मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति ने भारत और चीन के बीच विस्तारित सहयोग का आधार बनाया, लेकिन जैसे ही महामारी सामने आई, आपसी रिश्ते गंभीर तनाव में आ गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.