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..आखिरकार उसने भुगती मनजीत की सजा

मजाक के तौर पर पाकिस्तानी पुलिस के बारे में यह कहा जाता है कि वह तो भालू को भी शेर बना सकती है। सरबजीत के मामले में उसने इससे भी आगे बढ़कर किया। उसने मनजीत सिंह को सरबजीत सिंह में तब्दील कर दिया। पाकिस्तान पुलिस को लाहौर और फैसलाबाद बम धमाकों के सिलसिले में मनजीत सिंह की तलाश थी। उसके

By Edited By: Published: Sat, 04 May 2013 11:06 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2013 11:20 AM (IST)
..आखिरकार उसने भुगती मनजीत की सजा

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। मजाक के तौर पर पाकिस्तानी पुलिस के बारे में यह कहा जाता है कि वह तो भालू को भी शेर बना सकती है। सरबजीत के मामले में उसने इससे भी आगे बढ़कर किया। उसने मनजीत सिंह को सरबजीत सिंह में तब्दील कर दिया। पाकिस्तान पुलिस को लाहौर और फैसलाबाद बम धमाकों के सिलसिले में मनजीत सिंह की तलाश थी। उसके संबंध पाकिस्तान के कई कंट्टरपंथी संगठनों से थे।

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पाकिस्तान पुलिस ने लाहौर व फैसलाबाद बम धमाकों को लेकर जो पहली एफआइआर दर्ज की थी, उसमें आरोपी का नाम मनजीत सिंह वल्द महंगा सिंह दर्ज था। शुरुआती अदालती कार्रवाई में भी सरबजीत को मनजीत के रूप में ही पेश किया जाता रहा। हालांकि वह खुद को निर्दोष बताता रहा, लेकिन पाकिस्तान उसे मनजीत साबित करके ही माना।

आखिरकार उसे मनजीत सिंह मानकर सजा भी सुना दी गई। उसने दूसरे के किए की सजा ही नहीं भोगी, बल्कि 23 बरस तक उसका नाम भी ढोया। गुरुवार को लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत ने जब अंतिम सांस ली, तब पाकिस्तानी अधिकारियों ने मीडिया को यही जानकारी दी कि आतंकी मनजीत सिंह की मौत हो गई है।

एक तरह से सरबजीत सिंह को मरकर भी मनजीत सिंह से छुटकारा नहीं मिला। उसे इस नाम से छुटकारा तभी मिला, जब उसका पार्थिव शरीर भारत आया। मनजीत के बारे में माना जाता है कि वह कराची से इंग्लैंड भाग गया था।

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