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इस छोटी सी भूल से मिली 22 साल के दर्द के साथ दर्दनाक मौत

महज एक छोटी सी गलती और 22 साल बाद दर्दनाक अंत। पाकिस्तान के जेल की यातना सुनकर ही आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। उस यातना को भोगना किसी दोजख की जिन्दगी से कम नहीं थी। जरा महसूस कीजिए उस दर्द को जो एक बाप अपनी बेटी को पूरी जिन्दगी देख भी नहीं पाया। जी हां, हम बात कर रहे हैं सरबजीत सिंह की। भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित

By Edited By: Published: Thu, 02 May 2013 10:27 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2013 10:52 AM (IST)
इस छोटी सी भूल से मिली 22 साल के दर्द के साथ दर्दनाक मौत

नई दिल्ली। महज एक छोटी सी गलती और 22 साल बाद दर्दनाक अंत। पाकिस्तान के जेल की यातना सुनकर ही आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। उस यातना को भोगना किसी दोजख की जिन्दगी से कम नहीं थी। जरा महसूस कीजिए उस दर्द को जो एक बाप अपनी बेटी को पूरी जिन्दगी देख भी नहीं पाया। जी हां, हम बात कर रहे हैं सरबजीत सिंह की।

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भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित भिखीविंड के रहने वाले सरबजीत सिंह ने हर वो यातना सहा जो एक बेगुनाह को नहीं दी जानी चाहिए। इनका घर पंजाब (भारत) के तरनतारन जिले में पड़ता है। इनकी शादी सुखप्रीत कौर से हुई। शादी के बाद इनको शराब की लत लग गई। सरबजीत के परिजनों का दावा है कि 28 अगस्त, 1990 की एक शाम नशे की हालत में सरबजीत सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंच गया। उसके बाद सरबजीत कभी घर नहीं लौटा। सरबजीत की बड़ी बेटी स्वप्नदीप उस वक्त महज तीन वर्ष की थी। छोटी बेटी पूनम मां के पेट में थी। पाकिस्तानी दस्तावेज के मुताबिक 29 और 30 अगस्त के दरम्यान ही पाकिस्तानी सेना ने उसे सरहदी इलाके से गिरफ्तार किया था।

इनकी दो बेटियां स्वप्नदीप और पूनम कौर हैं। सरबजीत की बहन दलबीर कौर उनकी रिहाई को लेकर हर स्तर पर लंबे अर्से से मुहिम चला रहीं थीं।

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