कोरोना के खिलाफ मप्र में 23 को संकल्प अभियान, सायरन बजते ही सबको करना होगा ये काम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे स्वयं गोले बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर भोपाल सहित अन्य स्थानों पर पिछले कुछ माह की तुलना में कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण ज्यादा आ रहे हैं। यह चिंता का विषय है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण गंभीर संकट की तरफ बढ़ रहा है। इसकी रोकथाम के लिए लोगों को मास्क लगाने और सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने के लिए सरकार 23 मार्च (मंगलवार) को संकल्प अभियान की शुरआत करेगी। सुबह 11 बजे प्रदेश के सभी शहरों में सायरन बजेगा और जो जहां है, वहां रहकर संकल्प लेगा कि वह स्वयं मास्क का उपयोग करेगा और शारीरिक दूरी का पालन करेगा। शाम सात बजे फिर सायरन बजाकर संकल्प दोहराया जाएगा। दुकानों के बाहर ग्राहकों के खड़े होने के लिए गोले बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे स्वयं गोले बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर, भोपाल सहित अन्य स्थानों पर पिछले कुछ माह की तुलना में कोरोना के पॉजिटिव प्रकरण ज्यादा आ रहे हैं। यह चिंता का विषय है। आमजन को इस संक्रमण से बचाने के लिए सरकार अपना दायित्व निभाएगी पर आमजन को भी सावधानियां बरतनी होंगी। संक्रमण से बचाव के लिए मास्क अनिवार्य है। इसी तरह सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन भी किया जाना चाहिए। इसका जनता ने पालन भी किया और अब फिर से इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है।
शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दुकानों के सामने ग्राहक के खड़े होने के लिए गोले बनाए जाएंगे। वे खुद भी इस कार्य को देखेंगे और गोले भी बनाएंगे। संकल्प अभियान एक समय पर एक साथ पूरे प्रदेश में होगा।
मेरी होली-मेरे घर
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में त्योहारों को किस तरह मनाया जाए, इसको लेकर जिला आपदा प्रबंधन समूहों के साथ बैठक करेंगे। मेरी होली-मेरे घर की तर्ज पर अन्य त्योहार भी मनाए जा सकते हैं।
एमपी में 13 दिनों से लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में पिछले 13 दिनों से लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। शनिवार को प्रदेश में 22,980 सैंपलों की जांच की गई, जिनमें से 1322 संक्रमित मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा भोपाल में 382 मामले और उसके बाद इंदौर में 326 मरीज मिले हैं। वहीं, सात जिलों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले 16 अक्टूबर, 2020 को 1352 मरीज मिले थे। तब से मरीजों की संख्या इससे कम ही रही। भोपाल, इंदौर और जबलपुर के आलावा बाकी जगह नए मरीजों की संख्या 50 से कम रही।