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राम गोपाल की बर्खास्तगी के बाद अब राज्यसभा के लिए सपा में मचेगा दंगल!

राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के कुल 19 सदस्य थे, जिनमे प्रोफेसर राम गोपाल को पार्टी ने निष्कासित कर दिया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 26 Oct 2016 08:48 AM (IST)
राम गोपाल की बर्खास्तगी के बाद अब राज्यसभा के लिए सपा में मचेगा दंगल!

नई दिल्ली, [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। समाजवादी पार्टी में मची कलह का असर जल्दी ही राज्यसभा में पार्टी का नेता पद के चयन को लेकर भी दिख सकता है। प्रोफेसर राम गोपाल की पार्टी से बर्खास्तगी के बाद यह खाली हो गया है। रिक्त हुए इसे लेकर पार्टी के राज्यसभा सदस्यों के बीच खुसुर फुसुर शुरु हो गई है। हालांकि पार्टी के प्रमुख सांसदों में अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा और रेवती रमण सिंह प्रमुख दावेदार हो सकते हैं। लेकिन इसका अंतिम फैसला पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ही कर सकते हैं।

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राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के कुल 19 सदस्य थे, जिनमे प्रोफेसर राम गोपाल को पार्टी ने निष्कासित कर दिया गया है। प्रोफेसर लंबे समय से राज्यसभा में सपा के नेता थे। संसद का आगामी शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरु हो रहा है। पार्टी के अब बचे इन 18 सदस्यों में से किसी एक को सदन में पार्टी के नेता चुना जायेगा।

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नेता के नाम को लेकर सदस्यों में चर्चा जरूर शुरु हो गई। अमर सिंह का समाजवादी पार्टी से पुराना नाता है। वह पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के नजदीकी व विश्वस्त माने जाते हैं। राज्यसभा में लंबे समय तक रहे हैं। सपा के टिकट पर इस बार सदन पहुंचे अमर सिंह को पार्टी के तत्कालीन नेता रामगोपाल ने तरजीह नहीं दी थी, जिस पर उन्होंने सख्त एतराज भी जताया था।

सदन में पार्टी नेता पद के दूसरे दावेदार मुलायम सिंह यादव के पुराने राजनीतिक मित्र बेनी प्रसाद वर्मा हो सकते हैं। लेकिन राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले ही वर्मा सपा में लौटे हैं। उन्होंने कुछ दिनों के लिए कांग्रेस का दामन थाम लिया था। उम्र और सेहत उनकी दावेदारी में रोड़ा बन सकती है। जबकि रेवती रमन सिंह पुराने समाजवादी हैं। उन्हें भी इस पद के लिए नामित किया जा सकता है। सवाल यह है कि पार्टी नेता पद के चयन के लिए सदस्यों को अपनी राय व्यक्त करने का मौका दिया जाएगा या नेताजी सीधे नामित कर सबसे हस्ताक्षर करायेंगे।

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