हाईवे पर दिखा देशभक्ति का जज्बा, सैन्यकर्मियों का काफिला गुजरा तो टोलकर्मियों ने दी सलामी
सलामी देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के निर्देश हैं। इसके तहत टोल कलेक्टरों को सैन्यकर्मियों को सलामी देनी होती है।
मुरैना, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के मुरैना में बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे से ढाई बजे तक टोल नाके पर देशभक्ति का जज्बा जगाने वाला नजारा देखने को मिला। नाके से करीब 50 सैन्य वाहनों का काफिला गुजरा। काफिले को देखकर टोल की सभी लेन के टोल कर्मियों ने लेन खोल दीं और लेन के सामने आकर सेना के जवानों को सलाम किया। चैंबर में बैठे प्रबंधकों ने जब यह नजारा सीसीटीवी पर देखा तो वे भी लेन पर आकर जवानों को सैल्यूट देने खड़े हो गए।
सेना के सम्मान में लेन पर आकर टोलकर्मियों ने दी सलामी
टोल प्रबंधक शिवा कटारे ने बताया कि दोपहर डेढ़ बजे सेना का एक बड़ा काफिला लाल ध्वज लगे वाहनों में आता दिखा। यह काफिला उप्र के आगरा की तरफ जा रहा था। काफिले को देखकर टोल कलेक्टर, सुरक्षा गार्ड, लेन गार्ड सभी ने टोल के बूम बैरियर खोल दिए। सभी लोग सेना के सम्मान में लेन पर आकर सलामी देने के लिए खड़े हो गए। पूरे एक घंटे तक सेना के ये वाहन टोल से गुजरते रहे।
निजी वाहन चालक भी सैनिकों के सम्मान में रुके
इस दौरान सड़क से गुजर रहे दूसरे निजी वाहन सवारों ने भी काफिले के सम्मान में अपने वाहन सड़क किनारे खड़े कर लिए और वाहनों को आगे बढ़ने दिया।
सलामी देने के लिए एनएचएआइ के हैं निर्देश
सलामी देने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के निर्देश भी हैं। इसके तहत टोल कलेक्टरों (शुल्क वसूलने वाले) को सैन्यकर्मियों को सलामी देनी होती है, लेकिन पहली बार टोल गार्ड और प्रबंधन के लोगों ने भी सेना के काफिले को सामूहिक सलामी दी। जाजऊ टोल को भी कराया अवगत सेना के काफिले को उप्र की सीमा में स्थित आगरा के जाजऊ टोल नाके से भी गुजरना था।
काफिले को बिना परेशानी के आगे पास कराए जाने के निर्देश
ऐसे में कंपनी के अधिकारियों ने वहां के कर्मचारियों को भी निर्देश दिए कि काफिले को बिना परेशानी के आगे पास कराया जाए। कर्मचारियों से कहा गया कि अगर सेना के अफसर अनुमति दें तो जवानों को पीने का पानी भी उपलब्ध कराएं।