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स्कूल के आसपास जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध, 50 मीटर के दायरे में विज्ञापन भी रोक

स्कूल कैंटीन और इसके परिसर के 50 मीटर के दायरे में जंक फूड की बिक्री और इसके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 09:21 AM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 09:21 AM (IST)
स्कूल के आसपास जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध, 50 मीटर के दायरे में विज्ञापन भी रोक
स्कूल के आसपास जंक फूड की बिक्री पर प्रतिबंध, 50 मीटर के दायरे में विज्ञापन भी रोक

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्कूल कैंटीन और इसके परिसर के 50 मीटर के दायरे में जंक फूड (Junk Foods) की बिक्री और इसके विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा दिया है। एफएसएसएआइ ने एक बयान जारी कर कहा कि इस सिलसिले में विभिन्न भागीदारों से मिली प्रतिक्रियाओं पर विचार-विमर्श करने के बाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2020 को अधिसूचित कर दिया गया है। इस नियम को लागू करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को पर्याप्त समय दिया जाएगा।

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इस बीच एफएसएसएआइ ने कहा है कि वह राज्य खाद्य विभाग को निर्देश देगा कि वह स्कूली बच्चों के लिए सुरक्षित और संतुलित आहार का दिशा-निर्देश तैयार करे। नियम के अनुसार, स्कूली बच्चों को संतृप्त वसा, अतिरिक्त चीनी या सोडियम मिले खाद्य पदार्थ नहीं बेचे जा सकेंगे। इसके अलावा स्कूल की कैंटीन, मेस या हॉस्टल के किचन में इनकी बिक्री और विज्ञापन पर प्रतिबंध रहेगा। स्कूल के गेट से हर दिशा में 50 मीटर की दूरी तक इन पदार्थो की बिक्री और विज्ञापन पर प्रतिबंध रहेगा।

स्कूल प्रशासन को एक बोर्ड भी लगाने के लिए कहा गया है, जिसमें संतृप्त वसा, अतिरिक्त चीनी या सोडियम मिले खाद्य पदार्थ की बिक्री पर प्रतिबंध की बात लिखी रहेगी। यह बोर्ड अंग्रेजी और किसी एक भारतीय भाषा में होगा। इसके अलावा स्कूल में खाद्य पदार्थो की बिक्री के लिए स्कूल प्रशासन से लाइसेंस भी लेना होगा।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एफएसएसएआइ को स्कूल की कैंटीनों में जंक फूड बेचे जाने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया था। तब से संस्था की सर्वोच्च खाद्य समिति स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्यवर्धक भोजन को लेकर गाइडलाइंस जारी करने पर काम करने लगी। साथ ही मिड डे-मील योजना के लिए काम कर रहे ठेकेदारों को भी इस खाद्य संस्था से मंजूरी या लाइसेंस लेने के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियमों का पालन करने को कहा गया था।


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