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MRNA Vaccine : शीर्ष वैज्ञानिक का दावा, MRNA वैक्सीन के साथ भारत में कोरोना के मामलों में आएगी और कमी

mRNA vaccine in India एमआरएनए तकनीक (mRNA technology) एक संदेशवाहक आरएनए है जो डीएनए अनुक्रम की एक प्रति है और प्रोटीन बनाने का एक खाका है। एमआरएनए वैक्सीन में एमआरएनए स्पाइक प्रोटीन की अनुक्रम जानकारी रखता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 04:04 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 04:26 PM (IST)
MRNA Vaccine : शीर्ष वैज्ञानिक का दावा, MRNA वैक्सीन के साथ भारत में कोरोना के मामलों में आएगी और कमी
mRNA वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सुरक्षात्मक एंटीबाडी को करता है उत्तेजित

नई दिल्ली, एएनआइ। सेंटर फार सेल्युलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (CCMB) के सीईओ डाक्टर एन मधुसूदन राव ने सोमवार को कहा कि भारत ने कोरोना के खिलाफ mRNA तकनीक विकसित की है। उन्होंने कहा कि एमआरएनए प्लेटफार्म में लचीलेपन का एक फायदा है जो अन्य वैक्सीन प्लेटफार्म के साथ नहीं है।

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हैदराबाद स्थित सेंटर फार सेल्युलर एंड मालिक्यूलर बायोलाजी (CCMB) ने हाल ही में कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए देश के पहले संभावित mRNA वैक्सीन उम्मीदवार के विकास की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें लचीलेपन का एक फायदा है जो अन्य वैक्सीन प्लेटफार्म के साथ नहीं है।

बता दें कि एमआरएनए तकनीक एक संदेशवाहक आरएनए है, जो डीएनए अनुक्रम की एक प्रति है और प्रोटीन बनाने का एक खाका है। एमआरएनए वैक्सीन में एमआरएनए स्पाइक प्रोटीन की अनुक्रम जानकारी रखता है। यह एमआरएनए लिपिड फार्मूलेशन में समझाया जाता है और इसे शरीर में इंजेक्शन से दिया जाता है। इसके बाद यह शरीर की कोशिकाओं में यह स्पाइक प्रोटीन बनाता है जो कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सुरक्षात्मक एंटीबाडी को उत्तेजित करता है। इससे भारत में कोरोना के मामलों मे कमी आएगी।

हमारे पास कोरोना ​​​​के खिलाफ है अब एमआरएनए तकनीक: डाक्टर राव

वहीं, समाचार एजेंसी एएनआइ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में एमआरएनए प्लेटफार्म के एक प्रमुख वैज्ञानिक डाक्टर राव ने कहा कि हमारे पास कोरोना ​​​​के खिलाफ एमआरएनए तकनीक है। पश्चिम देश कोरोना महामारी के लिए केवल एमआरएनए वैक्सीन का उपयोग कर रहे थे, लेकिन अन्य देशों को यह किसी तरह कभी नहीं मिला। साथ ही डा. राव ने कहा कि कोरोना के संदर्भ में जहां वैरिएंट में लगातार बदलाव होता है, mRNA वैक्सीन को जल्दी से नया रूप दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि भारत ने एमआरएनए के लिए जिस तकनीक का इस्तेमाल किया वह माडर्ना कंपनी के समान है। साथ ही कहा कि हमारा माडर्ना की एक तरह की प्रतिकृति है और हम कहीं भी जेनोवा के समान नहीं हैं।


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