जानिए साध्वी प्रज्ञा ने किसके लिए कहा - तीन गलतियां माफ, फिर चुप नहीं रहूंगी
साध्वी प्रज्ञा ने मध्य प्रदेेेश सरकार में मंत्री गोविंद सिंह को हिदायत देेेेते हुए कहा कि उनकी तीन गलतियों को मैं माफ कर सकती हूं उसके बाद मैं चुप नहीं रहूंगी।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ( Sadhvi Pragya Singh Thakur) ने राज्य की कमलनाथ सरकार के मंत्री गोविंद सिंह (Govind Singh) को चेतावनी दी है। साध्वी प्रज्ञा ने गोविंद सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी तीन गलतियों को मैं माफ कर सकती हूं, लेकिन उसके बाद मैं चुप नहीं रहूंगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार में मंत्री गोविंद सिंह द्वारा खुद को आतंकवादी कहे जाने से साध्वी आहत थीं। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मेरे पिता ने उन्हें राजनीति सिखाई थी, यहां तक की मेरे पिता ही उनको राजनीति के मंच पर लेकर गए थे, लेकिन अब वह मुझे आतंकवादी कह रहे है। साध्वी ने गोविंद सिंह को मर्यादा पार न करने की हिदायत देते हुए कहा कि उनकी तीन गलतियों को मैं माफ कर सकती हूं, उसके बाद मैं चुप नहीं रहूंगी।
इससे पहले गोविंद सिंह ने कहा था कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सीधी-साधी लड़की थी, लेकिन उसे भाजपा(Bharatiya Janata Party) और आरएसएस (RSS) वालों ने बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा कि साध्वी का ब्रेन-वॉश करके भाजपा और संघ के लोगों ने उन्हें हिंदू- मुस्लिम को लड़वाने का काम सिखा दिया। बता दें कि साध्वी प्रज्ञा और गोविंद सिंह दोनों ही मध्य प्रदेश के भिंड के रहने वाले हैं।
बुर्के को बैन करने को लेकर श्रीलंका के बाद अब भारत में भी मांग उठने लगी है। जहां भाजपा और शिवसेना लगातार बूर्के को बैने करने की मांग उठा रहीं है। वहीं, साध्वी प्रज्ञा ने भी इसको लेकर बयान दिया है। भोपाल से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी साध्वी ने कहा कि बूर्के पर बैन का फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को इस पर खुद फैसला लेना होगा, क्योंकि ऐसी घटना से उनका ही समाज बदनाम होता है।
बता दें की भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा का मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह से है। इससे पहले एनआईए की विशेष अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में हमारे पास किसी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कोई कानूनी शक्तियां नहीं हैं। किसे चुनाव लड़ने देना है किसे नहीं यह तय करना निर्वाचन अधिकारियों का काम है।