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गौरी लंकेश हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा को राहत, SIT को प्रज्ञा के खिलाफ नहीं मिले सबूत

गौरी लंकेश हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा का नाम शामिल होनी की बात कही जा रही थी। एसआइटी ने पत्रकार हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा का हाथ होने से इन्कार किया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 07:41 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 07:41 PM (IST)
गौरी लंकेश हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा को राहत, SIT को प्रज्ञा के खिलाफ नहीं मिले सबूत
गौरी लंकेश हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा को राहत, SIT को प्रज्ञा के खिलाफ नहीं मिले सबूत

बेंगलुरु, पीटीआइ। पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने उन मीडिया खबरों का खंडन किया जिनमें कहा गया था कि उस हत्याकांड में भोपाल से चुनाव लड़ रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का भी हाथ हो सकता है।

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साध्वी के खिलाफ एसआइटी को नहीं मिले सुबूत
एक अंग्रेजी अखबार ने गुरुवार को इस तरह की खबर प्रकाशित की थी कि उस हत्याकांड में साध्वी प्रज्ञा का भी हाथ हो सकता है। एसआइटी ने एक अधिकृत बयान जारी करते हुए कहा कि इस मामले की जांच के दौरान उसे जांच के किसी भी चरण में साध्वी के शामिल होने का न तो कोई सुबूत मिला और न ही कोई संकेत मिला। एसआइटी ने कहा कि इस मामले की जांच के बाद आरोप पत्र में भी साध्वी प्रज्ञा का नाम नहीं है। बयान में कहा गया है कि आरोप पत्र में साध्वी प्रज्ञा, मालेगांव बम विस्फोट, अभिनव भारत के लिंक का कोई उल्लेख नहीं है।

गौरतलब है कि एसआइटी ने गौरी लंकेश हत्याकांड के आरोप में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि दो अभी भी फरार हैं। गौरी लंकेश की 5 सितम्बर 2017 को बेंगलुरु स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एसआइटी ने इस हत्याकांड के लिए दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों को आरोपित किया था जिन्होंने सनातन संस्था से खरीदी किताब से प्रेरित होकर इस घटना को अंजाम दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष फरवरी में इस घटना की जांच के साथ-साथ यह भी कहा था कि वामपंथी विचारक एमएम कलबुर्गी की हत्या की भी एसआइटी को जांच करनी चाहिए जिनकी अगस्त 2015 में हत्या कर दी गई थी।

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