दुष्परिणामों की धमकी देकर सचिन वाझे करता था वसूली, परमबीर की शह पर मुंबई में चला रहा था ये रैकेट
आरोप पत्र में मुंबई के कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान हैं। इनमें कहा गया है कि वाझे उन्हें अपने कहे के अनुसार कार्य करने के लिए मजबूर करता था। कहता था कि यह ऊपर का निर्देश है।
फैजान खान (मिड-डे), मुंबई। अवैध वसूली मामले में मुंबई पुलिस के बर्खास्त सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे और पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ दाखिल 1,895 पेज के आरोप पत्र में तमाम चौंकाने वाली बातें हैं। दर्जनों पुलिसकर्मियों के बयानों पर आधारित इस आरोप पत्र में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कई सुबूत भी पेश किए हैं। कई पुलिसकर्मियों ने बताया है कि वसूली के लिए शिकार पर दबाव बनाने के लिए वाझे उसे भयंकर दुष्परिणाम की धमकी देता था। ऐसा उसने महानगर के बार मालिकों और अवैध धंधे चलाने के साथ किया था। जबकि साथी पुलिसकर्मियों को वह नौकरी ले लेने की धमकी देता था। कोई भी पुलिसकर्मी जब वसूली की उसकी राह में रुकावट डालने की कोशिश करता था, तब वाझे उसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से करने की धमकी देता था।
आरोप पत्र में मुंबई के कई पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान हैं। इनमें कहा गया है कि वाझे उन्हें अपने कहे के अनुसार कार्य करने के लिए मजबूर करता था। कहता था कि यह ऊपर का निर्देश है। अगर कोई आनाकानी करता तो वह उसे दुष्परिणाम भुगतने की धमकी देता था। इन्हीं में शामिल एक कांस्टेबल ने बताया है कि जून 2020 में जब वाझे को निलंबन के बाद बहाल किया गया, तब उसने उसे बारों और अवैध धंधों के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए लगाया था। यह कांस्टेबल अब क्राइम ब्रांच में कार्यरत है। क्राइम ब्रांच ने यह आरोप पत्र हाल ही में अदालत में दाखिल किया है।
परमबीर सिंह के शह पर ही वाझे मुंबई में कर रहा था मनमानी
आरोप पत्र में कहा गया है कि पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के शह पर ही वाझे मुंबई में मनमानी कर रहा था और अवैध वसूली का रैकेट चला रहा था। इसके लिए वह मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के संसाधनों का इस्तेमाल करता था। उसने हर उस मामले में वसूली की या उसके लिए कोशिश की जिनसे बड़े लोग जुड़े हुए थे। दिसंबर 2020 में जब मुंबई में बार और रेस्टोरेंट थोड़ी बंदिशों के साथ चलने शुरू हुए तब वाझे ने वसूली के लिए उन पर शिकंजा कस दिया। इस कार्य में उसे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सिंह का पूरा समर्थन हासिल था। वसूली के लिए संदेश भेजने को वाझे कुछ खास कांस्टेबलों और प्राइवेट लोगों का इस्तेमाल करता था। कुछ खास मामलों को छोड़कर ज्यादातर में उन्हीं के जरिये रुपये भी मंगवाता था। कई कांस्टेबलों ने इसी तरह के बयान दिए हैं। आरोप पत्र में सहायक पुलिस कमिश्नर और कई पुलिस इंस्पेक्टरों के भी बयान हैं। ये बयान एंटीलिया के नजदीक विस्फोटक रखने और मनसुख हत्या मामले में वाझे की भूमिका को पुष्ट करने वाले हैं।