सबरीमाला मंदिर: प्रवेश पर जंग जारी, छह महिलाओं को प्रवेश करने से रोका
रविवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान अयप्पा की पूजा करने जा रही आंध्र प्रदेश के चार महिलाओं को प्रदर्शनकारियों ने लौटा दिया।
सबरीमाला, आइएएनएस/प्रेट्र। सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा की पूजा करने जा रही छह महिलाओं को प्रदर्शनकारियों ने लौटा दिया। इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर रविवार को लगातार पांचवें दिन भी टकराव जारी रहा। इस मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर लगाई गई सदियों पुरानी पाबंदी को सुप्रीम कोर्ट पिछले ही महीने हटा चुका है।
नाटकीय घटनाक्रम के बीच प्रदर्शनकारियों ने अयप्पा मंत्रों का उच्चारण करते हुए तेलुगु भाषी छह महिलाओं को आगे बढ़ने से रोक दिया। पांच दिनों तक चलने वाली मासिक पूजा के लिए मंदिर का कपाट खोला गया है। रविवार को पांचवां दिन था और सोमवार को कपाट बंद कर दिया जाएगा। बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी।
बुधवार से एक कार्यकर्ता सहित कुछ युवा महिलाओं ने नैश्तिक ब्रह्माचारी के मंदिर में प्रवेश करने का प्रयास किया। लेकिन पुजारी सहित श्रद्धालु मंदिर के प्रांगण में विरोध करने के लिए जमे हुए हैं। उन्होंने कहा है कि वे परंपरा तोड़ने की इजाजत नहीं देंगे। अभी तक उपलब्ध संकेतों के मुताबिक, 10 से 50 के बीच की उम्र की एक भी महिला को मंदिर तक पहुंचने नहीं दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभी तक 12 महिलाओं को पूजा नहीं करने दिया गया है।
भाजपा ने केंद्र के हस्तक्षेप के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। दूसरी ओर कांग्रेस ने केंद्र की एनडीए सरकार से अध्यादेश की मांग की है। मंदिर के परंपरागत संरक्षक पांडालम राज परिवार ने राज्य की माकपा नीत वाम मोर्चा सरकार पर तीर्थ की पवित्रता खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है।
एक पुरुष के साथ दो महिलाओं को परंपरावादी प्रदर्शनकारियों ने जिस पहाड़ी पर मंदिर स्थित है, उसपर चढ़ाई शुरू करने वाले स्थान के समीप घेर लिया। पुलिस ने दोनों महिलाओं को सुरक्षा घेरे में ले लिया और उन्हें पांबा नियंत्रण कक्ष पहुंचाया। इसके तुरंत बाद ही प्रदर्शनकारियों ने एक और महिला को भी लौटने पर विवश कर दिया। पालकी से मंदिर की ओर जा रही एक अन्य महिला को भी रोक दिया।
कार्यकर्ता रेहाना को मुस्लिम समुदाय ने बहिष्कृत किया
सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का प्रयास करने वाली कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को मुस्लिम समुदाय ने बहिष्कृत कर दिया है। मुस्लिम जमात काउंसिल ने कहा है कि उनका कदम लाखों हिंदू श्रद्धालुओं की भावना आहत करने वाला है। काउंसिल के अध्यक्ष ए. पूनकुजु ने शनिवार को जारी बयान में इस आशय की जानकारी दी है।
बता दें कि खुद मंदिर के पुजारी भी प्रदर्शनकारियों के साथ हैं और महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के पक्ष में नहीं हैं। भाजपा और कांग्रेस भी इस मामले में विरोध कर रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि सबरीमाला मंदिर कोई पर्यटन स्थल नहीं है, तो सिर्फ श्रद्धालु ही मंदिर जा सकते हैं।
इससे पहले बीते शुक्रवार को दो महिलाओं ने आईजी के साथ करीब 250 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। मंदिर में घुसने का प्रयास करने वाली महिलाओं में पत्रकार कविता जक्कल और ऐक्टिविस्ट रेहाना फातिमा शामिल थीं, जिन्हें प्रवेश नहीं मिला। फातिमा के मंदिर दर्शन के लिए पहुंचने से नाराज लोगों ने तो कोच्चि स्थित उनके घर पर तोड़फोड़ भी की।