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सबरीमालाः 62 दिन के लिए खुल गया मंदिर, ड्रोन्स के जरिए रखी जा रही आने वालों पर नजर

सबरीमाला जाने के लिए कोच्चि पहुंची तृप्ति देसाई को प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया और उन्हें मुंबई लौटना पड़ा।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 08:55 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 01:03 PM (IST)
सबरीमालाः  62 दिन के लिए खुल गया मंदिर, ड्रोन्स के जरिए रखी जा रही आने वालों पर नजर
सबरीमालाः 62 दिन के लिए खुल गया मंदिर, ड्रोन्स के जरिए रखी जा रही आने वालों पर नजर

सबरीमाला [प्रेट्र]। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पचास वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी तनातनी के बीच सबरीमाला मंदिर के कपाट शुक्रवार को 62 दिनों के लिए खुल गए हैं। इस दौरान किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं। पूरे क्षेत्र में गुरुवार रात से ही धारा 144 लागू है। इसके अलावा ड्रोन्स के जरिए मंदिर में आने वालों पर नजर रखी जा रही है। 

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भगवान अयप्पा के दर्शन को सबरीमाला जाने के लिए सुबह साढ़े चार बजे कोच्चि पहुंची महिला नेता तृप्ति देसाई को प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकलने दिया। चौदह घंटे से अधिक समय तक चली तनातनी के बाद पुलिस ने उन्हें दर्शन की जिद छोड़कर घर लौट जाने की सलाह दी। देर रात वह मुंबई की फ्लाइट पकड़ कर लौट गई। कहा, 'हम कार्यक्रम घोषित किए बगैर जल्द ही सबरीमाला फिर आएंगे।'
Drones Flying on Sabrimala

इस बीच अदालती आदेश को किसी भी कीमत पर लागू कराने की बात करने वाली केरल सरकार ने भी यू-टर्न ले लिया है। मंदिर मामले को देखने वाली उसकी संस्था त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड ने शीर्ष अदालत के फैसले को लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगने का निर्णय किया है।

बोर्ड के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने कहा, 'अगर संभव हुआ तो हम कल या फिर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।' गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने साफ कहा था कि राज्य सरकार कोर्ट का आदेश लागू कराने के लिए बाध्य है। विपक्ष 22 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल स्थगित करने की मांग कर रहा था। इसी खींचतान में बैठक बेनतीजा खत्म हो गई।
Trupti Desai at Kocchi Airport

दस से पचास वर्ष उम्र के बीच की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों की अगुआई कर रहे अयप्पा धर्म सेना के अध्यक्ष राहुल ईश्वर ने सख्त रुख अख्तियार कर रखा है। उनका कहना है कि महिलाओं का मंदिर में प्रवेश रोकने के लिए भक्त सबरीमाला मंदिर को चारों ओर से घेरे रहेंगे। पचास वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को किसी भी कीमत पर मंदिर में नहीं घुसने दिया जाएगा।

इससे पूर्व शुक्रवार शाम पांच बजे भारी संख्या में उपस्थित भक्तों के जयकारे के बीच मुख्य पुजारी कंडारारू राजीवारू की मौजूदगी में सबरीमाला मंदिर के कपाट खुले। भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिलीं। सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के बाद यह तीसरा मौका है, जब मंदिर खुला।

सबरीमाला में सालाना त्योहारी सीजन दो चरणों में मनाया जाता है। इसमें पहला सत्र शनिवार से शुरू होकर 41 दिनों तक चलने वाली मंडला पूजा का है। यह पूजा 27 दिसंबर तक चलेगी। इसके बाद मंदिर बंद हो जाएगा। फिर यह मकरविलक्कु त्योहार के 30 दिसंबर को खुलेगा और मंदिर में 20 जनवरी तक पूजा-पाठ जारी रहेगा। इसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाएंगे। 


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