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सबरीमाला मामला: बड़ी पीठ को संदर्भित करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगा विचार

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर सूचित किया था कि प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ छह फरवरी को दलीलें सुनेगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 11:58 PM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 07:31 AM (IST)
सबरीमाला मामला: बड़ी पीठ को संदर्भित करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगा विचार
सबरीमाला मामला: बड़ी पीठ को संदर्भित करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगा विचार

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ गुरुवार को इस बात पर विचार करेगी कि क्या शीर्ष अदालत पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित कर सकती है अथवा नहीं। यह सवाल सबरीमाला मामले की सुनवाई के दौरान उठा था जो विभिन्न धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के खिलाफ धार्मिक भेदभाव से जुड़ा है।

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पुनर्विचार याचिका- नौ सदस्यीय पीठ करेगी सबरीमाला मामले की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर सूचित किया था कि प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ छह फरवरी को इस बात पर दलीलें सुनेगी कि पुनर्विचार याचिका पर यह अदालत कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित कर सकती है अथवा नहीं। पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस आर. भानुमति, अशोक भूषण, एल. नागेश्वर राव, एमएम शांतनागौदर, एसए नजीर, आर. सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्य कांत शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट को कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित करने का अधिकार नहीं

कई वरिष्ठ वकीलों ने तीन फरवरी को दलील दी थी कि पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट को कानून का सवाल बड़ी पीठ को संदर्भित करने का अधिकार नहीं है। इन वकीलों में फली एस. नरीमन, कपिल सिब्बल, श्याम दीवान, राजीव धवन और राकेश द्विवेदी शामिल हैं।

सभी उम्र की महिलाओं को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति मिली थी

उनका कहना था कि पिछले साल 14 नवंबर को तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर फैसला करते समय विस्तृत रूपरेखा संदर्भित करते समय गलत थी। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को केरल के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी थी।

पिछले साल के फैसले ने अदालत ने सबरीमाला के अलावा मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद और दरगाह में प्रवेश और गैरपारसी से शादी करने वाली पारसी महिलाओं के पवित्र अग्निस्थल पर जाने पर पाबंदी के मसले का भी जिक्र किया था।

सबरीमाला मंदिर के आभूषणों की सुरक्षा के उपाय सुझाए केरल : सुप्रीम कोर्ट

सबरीमाला मंदिर के पवित्र आभूषणों के संरक्षक पंडालम शाही परिवार में आंतरिक कलह और मुकदमेबाजी पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल सरकार से आभूषणों की सुरक्षा के उपाय सुझाने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा कि ये आभूषण किसी परिवार के नहीं बल्कि भगवान अयप्पा के हैं। वह विवाद के निपटारे तक आभूषणों को कस्टडी में रखने के लिए किसी जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है।


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