आईएस समर्थक का खुलासा, केरल से बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं अातंकी गतिविधियों में
शाजहां ने बताया, केरल से बड़ी संख्या में लोग साथ ही 21 मलयाली इराक और सीरिया में रह रहे हैं जो पिछले साल ही आइएस क्षेत्रों अफगानिस्तान में शामिल हुए थे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केरल निवासी आईएस समर्थक शाजहां वी. के. जिसे जुलाई के महीने टर्की से वापस लाया गया था, ने पुलिस के सामने अपने पूछताछ में अन्य लोगों के बारे में अहम खुलासा किया है। उसे सीरिया में प्रवेश से पहले टर्की से वापस भारत ले आया गया था। उसने 17 अन्य केरलवासियों के बारे में खुलासा किया है, जो जनवरी 2016 में ही इस समूह में शामिल हुए थे।
शाजहां के साथ उसके अन्य दोस्त मिडलाज, राशिद और अब्दुल रज्जाक को भी वापस लाया गया। दिल्ली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है। शाजहां ने बताया, केरल से बड़ी संख्या में लोग साथ ही 21 मलयाली इराक और सीरिया में रह रहे हैं जो पिछले साल ही आइएस क्षेत्रों अफगानिस्तान में शामिल हुए थे। उन्होंने आगे बताया कि आइएस आतंकी इन युवाओं पर अपना गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। नई जानकारी के अनुसार, 70 से 80 भारतीय जिनमें से अधिकतर केरल से हैं, वे अफगानिस्तान से आईएस रिक्रूटर की तरह काम कर रहे हैं। 2 अगस्त को लोकसभा में सूचित किया गया था कि एनआइए और अन्य राज्यों की पुलिस ने 54 लोगों को अब तक पकड़ा है जो आईएस से जुड़े हैं।
जांच के अनुसार, कानपुर के जन्मा शाजहां केरल के एक कट्टर इस्लामिक समूह का सक्रिय सदस्य था। वह बाद में सफवन के संपर्क में आया है जो फिलहाल एनआई के हिरासत में है। उसके अन्य दोस्त मनफ, समीर और शाजिल थे। समीर जो अपने परिवार, मनफ और शाजिल के साथ आईएस इलाकों में हिजरा की यात्रा पर 2016 में ही सीरिया चला गया था, वह शाजहां को निर्देशित करता था। शाजहां 2016 में तुर्किश वीजा प्राप्त करने के लिए मलेशिया चला गया। शाजिल और शाजहां इस्तांबुल में एक फ्लैट में रुके लेकिन उनके अन्य दोस्त राशिद और मिडलाज को पुलिस के छापे में गिरफ्तार होना पड़ा। हालांकि शाजिल और शाजहां बाद में फर्जी सीरियाई पहचान पत्र के साथ सीरियाई सीमा पर पहुंचे। लेकिन शाजहां और उसका परिवार सीमा पार नहीं कर सके क्योंकि उनके पास उनकी पत्नी का भारतीय पासपोर्ट मिल गया। शाजिल सीरिया में प्रवेश कर गया।
चेन्नई वापस आने पर शाजहां ने फिर से एक फर्जी पासपोर्ट बनवाया और सीरिया जाने के लिए 31 मार्च 2017 को अब्दुल रज्जाक और अब्दुल खय्याम के साथ थाइलैंड चला गया। बाद में, शाजहां, खय्याम और रज्जाक और अन्य को कड़ी सुरक्षा के बीच अटक्या सीरियाई सीमा पर ले जाया गया। वहां कुछ लुटेरों ने उन पर हमला भी किया जिसमें शाजहां और रज्जाक एक स्थान पर छुप गए। खय्याम सीरिया पहुंचने में कामयाब रहा जबकि शाजहां को तुर्किश सेनाओं द्वारा अगली रात सीरियाई सीमा पर पकड़ लिया गया।
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