अफगानिस्तान को लेकर कल होगी एस जयशंकर व सऊदी अरब के विदेश मंत्री की वार्ता
सऊदी अरब के विदेश मंत्री की भारत यात्रा इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत इससे जुड़े घटनाक्रम को लेकर दुनिया के प्रमुख देशों से संपर्क कर रहा है ।
नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सौद के साथ अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रम सहित द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा करेंगे। अल सौद की तीन दिवसीय भारत यात्रा शनिवार से शुरू हुई है और वह सोमवार शाम अमेरिका के लिए रवाना होंगे।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री की भारत यात्रा इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत इससे जुड़े घटनाक्रम को लेकर दुनिया के प्रमुख देशों से संपर्क कर रहा है। क्षेत्र के प्रमुख देश होने के नाते सऊदी अरब के रूख का महत्व काफी बढ़ जाता है, क्योंकि तालिबान के काबुल पर कब्जे से पहले अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में कतर व ईरान सहित कई खाड़ी देशों की अहम भूमिका रही थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन समावेशी नहीं है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उसे मान्यता देने के बारे में सामूहिक रूप से और विचार करना चाहिए।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री से इन मुद्दों पर भी होगी बातचीत
वहीं, दूसरी ओर इस यात्रा को लेकर भारत में सऊदी राजदूत मोहम्मद अलसाती ने बताया कि विदेश मामलों के मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान बिन अब्दुल्ला की यात्रा सऊदी अरब और भारत के बीच खाश रिश्तों को लेकर है। विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान सौद और भारतीय अधिकारियों के बीच बातचीत हमारे रणनीतिक साझेदार के साथ हमारे बहुआयामी सहयोग पर केंद्रित होगी। जिसमें व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य और अन्य शामिल हैं। इसके साथ ही राजदूत अलसाती ने कहा कि व्यापार से निवेश तक, ऊर्जा से स्वास्थ्य तक, सुरक्षा से रक्षा तक, संस्कृति से पर्यटन तक हमारे संबंध मैत्रीपूर्ण, मजबूत और समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। हमने उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखा है और प्रिंस फैसल अल सौद की यह यात्रा इसी संदर्भ में आती है।