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अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को रूस का जवाब, सीरिया में भेजे युद्धक टैंक और रडार

सीरिया में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के हवाई हमले के बाद रूस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। रूस ने दो युद्धपोतों से बड़ी संख्या में युद्धक टैंक सीरिया भेजा है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 17 Apr 2018 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 05:40 PM (IST)
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को रूस का जवाब, सीरिया में भेजे युद्धक टैंक और रडार
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन को रूस का जवाब, सीरिया में भेजे युद्धक टैंक और रडार

नई दिल्ली [जेएनएन]। सीरिया में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के हवाई हमले के बाद रूस ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। रूस ने दो युद्धपोतों से बड़ी संख्या में युद्धक टैंक, ट्रक, रडार, गश्ती युद्धपोत और एंबुलेंस सीरिया भेजा है। दोनों युद्धपोतों को बोस्पोरूस जलमार्ग से निकलते हुए देखा गया है। हमले के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने धमकी दी थी कि अगर दोबारा सीरिया पर हमला हुआ तो दुनिया में तबाही मच जाएगी।

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आक्रामक युद्धक सामग्री
रूसी नौसेना बेस से द ब्लू प्रोजेक्ट 177 एलिगेटर शिप को सीरिया भेजा गया है। इससे सोवियत बीटीआर-80 युद्धक टैंक, सैनिकों को ले जाने वाले ट्रक, रडार सिस्टम और एंबुलेंस भेजे गए हैं। दूसरी शिप से हाईस्पीड गश्ती युद्धपोत, अस्थायी ब्रिज बनाने में उपयोग होने वाली समाग्री और नाव भेजी गई। सैन्य साजोसामान लादते और रवाना होते पोत की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है।

धधक रहा है पश्चिम एशिया
पश्चिम एशिया में सीरिया के आसपास अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, तुर्की और ऑस्टेलिया की सेनाओं का जमावड़ा है। यहां पर इन सेनाओं के बेस कैंप हैं। एक तरह से यह सबसे बड़ा सैन्य जमावड़े का क्षेत्र है। सबसे ज्यादा सैन्य अड्डे अमेरिका के हैं।

30 साल पुराने हथियारों से दी मात
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की मिसाइलों को जिस तरह से सीरिया ने नाकाम किया है वह चौंकाने वाली बात है। रूस की एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक सीरिया ने मिसाइलों को सीरियाई एयर डिफेंस सिस्टम एस-125, एस-250, बक और क्वाद्रत से नाकाम किया है। इन हथियारों को सोवियत संघ ने 30 साल पहले बनाया था।

सीरिया को मिलेगा रक्षा कवच
रूस अपना एस-300 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सीरिया को दे सकता है। फिलहाल अभी इसकी घोषणा रूस ने नहीं की है। यह सिस्टम लांच व्हीकल पर तैनात रहता है। इस पर लगे रडार 300 किमी के दायरे में आने वाली किसी मिसाइल की पहचान कर लेते हैं। एस-300 की पूरी एक बटालियन में 6 लांचर व्हीकल रहते हैं। हर पर चार मिसाइल तैनात रहती हैं। हर लक्ष्य के लिए दो मिसाइल दागी जाती है। सिस्टम एक बार में 6 लक्ष्य को भेद सकता है।

कौन कितना ताकतवर
अमेरिका: पूरे विश्व में अमेरिका के 38 सैन्य अड्डे हैं। इसमें से एक दर्जन से अधिक सैन्य अड्डे मध्य एशिया में कतर , कुवैत, सऊदी अरब, इराक और इजरायल में हैं। अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा सैनिक अड्डा कतर के अल उदैद में है। यहां अमेरिकी बी श्रेणी के बमवर्षक, फाइटर प्लेन के साथ क्रूज मिसाइलें तैनात हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र के समुद्र में जंगी बेड़ा भी मंडराता रहता है।

रूस: रूस की सीरिया में सीधी मौजूदगी है। उसका यहां नौसेना अड्डा भी है। वह इस सैन्य अड्डे की मदद से सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सेनाओं को प्रशिक्षित कर रहा है।
ब्रिटेन: कतर के अल उदैद और साइप्रस में एयर बेस। बहरीन में नौसेना का अड्डा है।
फ्रांस: संयुक्त अरब अमीरात में एयर बेस पर मौजूदगी।
तुर्की: इसके साइप्रस, इराक, कतर और सीरिया में सैन्य अड्डे हैं। 


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