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दो वर्ष बाद आज होगी मोदी-पुतिन की मुलाकात, रिश्तों को नई ऊर्जा देने आ रहे भारत

शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 08:46 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 07:12 AM (IST)
दो वर्ष बाद आज होगी मोदी-पुतिन की मुलाकात, रिश्तों को नई ऊर्जा देने आ रहे भारत
दोनों देशों के संबंधों को और व्यापक बनाना चाहते हैं पुतिन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एएनआइ। आपसी रिश्तों को नई ऊर्जा देने के इरादे से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को भारत आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वह 21वें भारत-रूस सालाना शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।  पुतिन की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एके 203 राइफलों के भारत में निर्माण समेत पांच अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसमें ऊर्जा समेत समुद्री परिवहन को सुगम बनाने संबंधी क्षेत्र शामिल हैं।

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राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की दो साल बाद आमने-सामने की यह पहली मुलाकात होगी। इससे पहले नवंबर 2019 में ब्राजील की राजधानी ब्राजीलिया में ब्रिक्स सम्मेलन के इतर दोनों की व्यक्तिगत मुलाकात हुई थी।

शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे। साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।

संबंधों को और व्यापक बनाना चाहते हैं पुतिन

क्रेमलिन में बुधवार को पुतिन ने विदेशी राजदूतों से परिचय प्राप्त करने के समारोह में कहा था कि वह पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ रूस-भारत के आपसी विशेष संबंधों को और व्यापक पैमाने पर विकसित करने की पहल पर चर्चा करने का इरादा रखते हैं।

पुतिन ने कहा था, 'यह साझेदारी दोनों देशों को लाभ पहुंचाती है। द्विपक्षीय व्यापार में अच्छी गतिशीलता बनी हुई है, ऊर्जा क्षेत्र, नवाचार (इनोवेशन), अंतरिक्ष और कोरोना वायरस वैक्सीन और दवाओं के उत्पादन में संबंध सक्रिय रूप से विकसित हो रहे हैं।'

भारत और रूस के सैन्य संबंधों को मिलेगा और बढ़ावा

बता दें कि भारत और रूस के सैन्य संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश 7.5 लाख AK-203 असाल्ट राइफलों की आपूर्ति पर समझौता करने वाले हैं। शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले केंद्र ने भारत के रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त उद्यम इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत उत्तर प्रदेश में एक कारखाने में एके -203 राइफल्स के निर्माण को मंजूरी दी थी।


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