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सैन्य रिश्तों को और मजबूती देंगे भारत - रूस, जानिए किन चार समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रतिकूलताओं से निपटने की देश की अंदरूनी क्षमता के बल पर भारत इन चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में भारत को ऐसे साझेदारों की जरूरत है जो उसकी अपेक्षाओं को लेकर संवेदनशील हों।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:19 PM (IST)
सैन्य रिश्तों को और मजबूती देंगे भारत - रूस, जानिए किन चार समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
टू प्लस टू वार्ता में राजनाथ सिंह ने किया चीन की अकारण आक्रामकता और असाधारण सैन्यीकरण का उल्लेख

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और रूस के सैन्य रिश्तों को मजबूती के नए दौर में ले जाने पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही इसे हकीकत में तब्दील करते हुए पहली टू प्लस टू वार्ता से पहले सैन्य और रक्षा क्षेत्र से जुड़े चार समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए। इनमें अमेठी के कोरवा में भारत और रूस की संयुक्त साझेदारी में छह लाख से अधिक एके-203 राइफलें बनाने का समझौता शामिल है।

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-रूस की इस रणनीतिक वार्ता को दो खास साझेदार देशों के लिए ऐतिहासिक करार दिया और चीन का नाम लिए बिना भारत की उत्तरी सीमा पर उसकी पूरी तरह अकारण आक्रामकता व असाधारण सैन्यीकरण की चुनौतियों का उल्लेख किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि अपनी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रतिकूलताओं से निपटने की देश की अंदरूनी क्षमता के बल पर भारत इन चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में भारत को ऐसे साझेदारों की जरूरत है जो उसकी अपेक्षाओं को लेकर संवेदनशील हों। राजनाथ ने कहा कि भारत की बढ़ी रक्षा जरूरतें सैन्य और सैन्य तकनीक क्षेत्र में भारत-रूस के बीच और गहरे सहयोग का रास्ता खोल रही हैं।

रक्षा मंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि तमाम चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग हाल के समय में असाधारण रूप से बढ़ा है। इस संदर्भ में उन्होंने अपनी दो बार की मास्को और एक बार दुशान्बे की यात्रा का जिक्र किया। साथ ही दूसरे विश्व युद्ध की स्मृति से जुड़े समारोह में रूसी व भारतीय सैनिकों के कंधे से कंधा मिलाकर परेड में शामिल होने की हाल की घटना का भी जिक्र किया। राजनाथ ने उम्मीद जताई कि चुनौतियों के इस दौर में रूस भारत का मजबूत और भरोसेमंद साझेदार बना रहेगा। रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू ने भी दोनों देशों के रक्षा सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

ये हैं चार समझौते

टू प्लस टू बैठक से पहले दोनों देशों के बीच रक्षा और सैन्य सहयोग से जुड़े चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए :-

  •  क्लाशनिकोव सीरीज के छोटे हथियार बनाने संबंधी 18 फरवरी, 2019 के प्रोटोकाल में संशोधन।
  • अमेठी के कोरवा में 6,01,427 एके-203 असाल्ट राइफलों का निर्माण।
  • सैन्य तकनीक सहयोग को 2021 से बढ़ाकर 2031 तक करना।
  • सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (आइआरआइजीसी-एम एंड एमटीसी) से जुड़े प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर।

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