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फिर पकड़ा गया पाक का झूठ, रूस नहीं देगा भारत-पाक के बीच दखल

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि, रूस की तरफ से भारत के सामने इस तरह की कोई पेशकश नहीं की गई है।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 15 Jun 2017 10:04 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jun 2017 10:05 PM (IST)
फिर पकड़ा गया पाक का झूठ, रूस नहीं देगा भारत-पाक के बीच दखल
फिर पकड़ा गया पाक का झूठ, रूस नहीं देगा भारत-पाक के बीच दखल

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने के लिए पाकिस्तान किस हद तक जा सकता है उसका अनर्गल दावा इसका नया उदाहरण है। वैश्विक कूटनीति को ताक पर रखते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा कर दिया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा है कि वह भारत व पाकिस्तान के लंबित मामलों में हस्तक्षेप करेंगे। शरीफ सरकार इसका स्वागत करती है। बयान आने के कुछ ही देर बाद भारत ने इस तरह के बयान को पूरी तरह से आधारहीन करार दिया। इसके बाद भारत में रूसी दूतावास ने भी इस तरह के किसी भी आश्वासन या पुतिन व शरीफ के बीच इस आशय की किसी बातचीत से साफ इन्कार कर दिया।

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भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि, रूस की तरफ से भारत के सामने इस तरह की कोई पेशकश नहीं की गई है। साथ ही रूस, भारत की स्थिति से पूरी तरह अवगत है। रूस इस बात का समर्थन करता है कि पाकिस्तान के साथ भारत अपने सारे मसले शांति पूर्ण माहौल में द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाना चाहता है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब माहौल में आतंकवाद व हिंसा का हस्तक्षेप न हो। नई दिल्ली में रूसी दूतावास के एक वरिष्ठ राजनयिक ने भी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया के बयान को ख्याली पुलाव बताया।

दरअसल, इस्लामाबाद में वहां के विदेश मंत्रालय के साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में जकारिया से पुतिन व शरीफ के बीच हुई बातचीत पर सवाल पूछा गया था। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुतिन ने शरीफ से कहा है कि वह भारत व पाक के बीच लंबित मामलों में हस्तक्षेप करना चाहते हैं। यह पाकिस्तान के लिए अच्छा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक स्थाई सदस्य हस्तक्षेप करना चाहता है। यह संयुक्त राष्ट्र के लंबित मामलों को लागू करने में सहायक हो सकता है। साफ है कि पाकिस्तान कश्मीर मसले का उदाहरण दे रहा था।

माना जा रहा है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने शरीफ सरकार को घरेलू राजनीति में थोड़ी अहमियत दिलाने के लिए यह बयान दिया है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शरीफ से मुलाकात नहीं की थी।

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