उड़ी हमले के बाद पाक को रूस का आइना, संयुक्त सैन्य अभ्यास से इनकार
रूस ने पाकिस्तान के हिस्से के कश्मीर में होने वाले संयुक्त सैन्य अभियान को भी निरस्त कर दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उड़ी में भारतीय सैन्य ठिकाने पर हमला पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर काफी भारी पड़ सकता है। जिस तरह से दुनिया भर के तमाम देशों ने इस हमले की निंदा की है और भारत के साथ संवेदना जताई है वह इस बात को दर्शाता है कि कोई भी देश पाकिस्तान के कश्मीर राग के भुलावे में अब आने को तैयार नहीं है।
अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा, अफगानिस्तान जैसे देशों ने न इस हमले की निंदा की है बल्कि अपराधियों को सजा दिलाने की भी वकालत की है। जबकि पाकिस्तान के मित्र देश चीन ने कहा है कि वह इस हमले से स्तब्ध है। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस समर्थन के बाद संयुक्त राष्ट्र में अगले हफ्ते अपनी बात रखने में सहूलियत होगी।
पाकिस्तान के लिए यह भी एक झटका है कि रूस ने उड़ी हमले की जोरदार निंदा की है। यही नहीं खबर है कि रूस ने पाकिस्तान के हिस्से के कश्मीर में होने वाले संयुक्त सैन्य अभियान को भी निरस्त कर दिया है। पुतिन और मोदी के बीच अक्टूबर, 2016 में द्विपक्षीय शिखर बैठक होनी है। सोमवार को रूस के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि हम उड़ी हमले की जोरदार शब्दों में निंदा करते हैं।
हमले में मारे गये भारतीय सैनिकों के प्रति शोक जताते हुए आगे कहा गया है कि पठानकोट स्थिति भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर आतंकी हमले बढ़ गये हैं। यही नहीं नई दिल्ली के मुताबिक उड़ी हमले को पाकिस्तान सीमा के भीतर से अंजाम दिया गया है। इस अपराध की सही तरीके से जांच होनी चाहिए और इसके साजिशकर्ताओं व हमलावरों को कड़ी सजा दिलाई जानी चाहिए। रूस भारत को आतंक के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से साथ है।
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सूत्रों के मुताबिक रूस की तरफ से जिस तरह से हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की तरफ से इशारा किया गया है वह भारत की कूटनीतिक जीत है। हाल ही में पाकिस्तान ने रूस से चार हेलीकॉप्टर खरीदने का समझौता किया है। जबकि दोनों देशों के बीच सीमित सैन्य अभ्यास भी अगले हफ्ते होने तय हैं। इस अभ्यास का एक बड़ा हिस्सा गुलाम कश्मीर में होना था। माना जा रहा है कि रूस ने इस हिस्से को रद्द कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने रूस को इस संभावित सैन्य अभ्यास को लेकर अपनी चिंताएं जताई थी।
उधर, उड़ी हमले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू कांग ने कहा है कि, 'रविवार को उड़ी में हुआ आतंकी हमला स्तब्ध करने वाला है। हमारी संवेदनाएं शहीद सैनिकों के परिजनों और घायलों के साथ हैं। मृतकों के लिए हम दुख व्यक्त करते हैं।' हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद को जिम्मेदार बताए जाने पर प्रवक्ता ने कहा, चीनी विदेश विभाग हमले से संबंधित आरोपों का अध्ययन कर रहा है। हालांकि प्रवक्ता ने कहा कि चीन सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करता है।
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फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, 'फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है। फ्रांस सभी देशों से अपील करता है कि वे अन्य देशों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए अपनी जमीन पर या जमीन से काम कर रहे संगठनों के खिलाफ प्रभावशाली तरीके से लड़े।' जबकि भारत में अफगानिस्तान के राजदूत शायदा अब्दाली ने कहा है कि, आतंकवाद को विदेश नीति का हथियार बनाने वाले देशों को न सिर्फ अलग-थलग किया, बल्कि निर्दोष लोगों की जान लेने का जिम्मेदार भी ठहराया जाना चाहिए।