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सुप्रीम कोर्ट में राहुल बोले- हमने गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को हत्यारा नहीं कहा

महात्मा गांधी की हत्या का आरोप कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगाने के संबंध में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दाखिल किया गया था।

By Atul GuptaEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 07:31 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में राहुल बोले- हमने गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को हत्यारा नहीं कहा

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस : कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच महात्मा गांधी की हत्या पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को लेकर अदालती लड़ाई किसी नतीजे पर पहुंचती नजर आ रही है। राहुल ने सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट बताया कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए उन्होंने कभी भी बतौर संस्था संघ को दोष नहीं दिया। बल्कि वह हत्यारे को संघ से जुड़ा बता रहे थे।

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मुंबई हाईकोर्ट में दायर अपने हलफनामे के एक पैरा को चिन्हित कर अपना रुख साफ किया। राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामे में दिए अपने जवाब में कहा कि महाराष्ट्र की 2015 की चुनावी रैली में दिए बयान को आधार बनाकर उन्हें भेजे गए समन को वह चुनौती देते हैं। राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए उन्होंने संघ को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। लेकिन लोगों ने उनकी बात को उससे जोड़ लिया।

इसके बाद, जस्टिस दीपक मिश्रा और आरएफ नरीमन ने कहा कि अगर शिकायतकर्ता राहुल गांधी के इस जवाब से सहमत हैं तो वह इस बयान को दर्ज कर लेंगे और याचिका का निस्तारण कर देंगे। खंडपीठ ने कहा कि हमारी समझ से आरोपी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए कभी भी बतौर संस्था आरएसएस को दोषी नहीं ठहराया था। बल्कि उन्होंने संघ से जुड़े व्यक्ति को हत्या का दोषी कहा था। हालांकि शिकायतकर्ता और भिवंडी में संघ के सचिव राजेश महादेव कुंटे के वरिष्ठ वकील उमेश आर. ललित ने अपने मुवक्किल से दिशा-निर्देश लेने के लिए वक्त मांगा।

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साथ ही वह मंशा जानेंगे कि वह याचिका का निस्तारण चाहते हैं या नहीं। इस पर कांग्रेस उपाध्यक्ष के वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ललित के बयान पर आपत्ति करते हुए कहा कि यह निजी मानहानि का मामला है। यह एकदम से बंदूक तानने के बराबर है। शिकायतकर्ता को शपथ लेकर अदालत को बताना होगा कि उन्हें किस प्रकार से राहुल गांधी का बयान आपत्तिजनक लगा। ऐसा नहीं होता कि कोई भी एक हलफनामा बनवाकर चाहे कि अदालत उसके हिसाब से काम करे।

शिकायतकर्ता के वकील से बहस के दौरान सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी के हलफनामे में उन्होंने साफ कहा है कि उन्होंने कभी भी संगठन पर सवाल नहीं उठाया। इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई एक सितंबर को तय कर दी। उल्लेखनीय है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि सोनाले में 6 मार्च, 2015 को एक चुनावी रैली में राहुल गांधी ने कहा था, 'आरएसएस के लोगों ने गांधीजी को मारा है।' उनका आरोप है कि कांग्रेस नेता ने ऐसा कह कर आरएसएस की छवि बिगाड़ने की कोशिश की है। यह मामला अभी भी महाराष्ट्र के ठाणे जिले की भिवंडी की मजिस्ट्रेटी अदालत में लंबित है।


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