Move to Jagran APP

सलीम का RSS प्रमुख भागवत ने किया सम्‍मान, संघ में भी हो रहा है 'सबका साथ, सबका विकास’

आरएसएस प्रमुख द्वारा बॉलीवुड के सुपरस्‍टार सलमान खान के पिता को सम्‍मानित करना उनकी मुस्लिम पहचान होने की वजह से अधिक तवज्जो हासिल कर रहा है।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 08:27 AM (IST)
सलीम का RSS प्रमुख भागवत ने किया सम्‍मान, संघ में भी हो रहा है 'सबका साथ, सबका विकास’
सलीम का RSS प्रमुख भागवत ने किया सम्‍मान, संघ में भी हो रहा है 'सबका साथ, सबका विकास’

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में मशहूर पटकथा लेखक सलीम खान को मास्टर दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से सम्मानित किया है। वैसे तो यह सम्‍मान कई फिल्‍मी हस्तियों को दिया गया, लेकिन आरएसएस प्रमुख द्वारा बॉलीवुड के सुपरस्‍टार सलमान खान के पिता को सम्‍मानित करना, उनकी मुस्लिम पहचान होने की वजह से अधिक तवज्जो हासिल कर रहा है।

loksabha election banner

पिछले साल नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ भागवत ने मंच साझा किया था। हाल ही में टाटा समूह के पूर्व प्रमुख रतन टाटा के साथ भी संघ प्रमुख ने बैठक की थी। इसके अलावा, मुस्लिमों को लेकर उनकी सधी हुई हालिया टिप्‍पणियों से भी जानकार यह मान रहे हैं कि मुस्लिमों को लेकर आरएसएस के रुख में लचीलापन आ रहा है। संघ अपनी ऐतिहासिक छवि को बदलने की लगातार कोशिश कर रहा है। यही कारण है कि पिछले साल 19 सितंबर को भागवत ने 'भविष्य का भारत' विषय पर संघ की तीन दिवसीय चर्चा के दौरान साफ कहा था कि अगर हम कहेंगे कि ‘मुसलमान नहीं चाहिए तो हिंदुत्व भी नहीं बचेगा।’

हिंदू राष्ट्र से मुस्लिमों वाले हिंदू राष्ट्र तक का सफर
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के समय से ही हिंदू हितों की जोरदार वकालत करने का दावा करता रहा है। पूर्व संघ प्रमुख गोलवलकर ने तो अपनी किताब 'बंच ऑफ थॉट्स' में मुस्लिमों और ईसाइयों को भारत के हिंदू समाज के लिए खतरा तक बताया था। इसी तरह अयोध्या विवाद के दौरान यानी 1990 के दशक के शुरू में संघ का उग्र हिंदुत्व का चेहरा और मुखर होकर सामने आया था। तब के संघ के पोस्टर ब्वॉय और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर रथयात्रा निकाली, जिसका परिणाम बाबरी में विवादित ढ़ांचे के विध्वंस के रूप में देखने को मिला।

क्या 2014 की बदली हुई राजनीति का असर संघ पर भी पड़ा?
भारत के चुनावी इतिहास में दो चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं। एक आपातकाल लगाए जाने के बाद का चुनाव, जिसने इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेंका। दूसरा 2014 का चुनाव, जिसने 1990 के दशक के बाद भारतीय राजनीति में घुस आए इस मिथक को तोड़ा कि देश की जनता अब किसी को पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं देगी।

2014 में 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के साथ मोदी के नेतृत्व में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। हालांकि इसके कई राजनीतिक मायने हो सकते हैं, लेकिन भाजपा ने पहली बार अल्पसंख्यक हितों खासकर मुस्लिम महिलाओं के हितों की खुलकर बात की। ट्रिपल तलाक जैसे मामलों पर केंद्र की बीजेपी सरकार कानून भी लेकर आई। अयोध्या विवाद पर भी कोई उग्र रूप अख्तियार करने की जगह मोदी सरकार ने सर्वोच्च अदालत के आदेश का इंतजार करने की बात कही।

'मुस्लिमों के बिना हिंदुत्व नहीं'
इस चुनाव का असर संघ की सोच पर भी पड़ता दिख रहा है। इसकी बानगी सितंबर 2018 में संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन में देखने को मिली। इस कार्यक्रम में मोहन भागवत के दो व्याख्यानों ने काफी सुर्खियां बटोरी। मोहन भागवत ने अपने एक व्याख्यान में कहा कि हिंदू राष्ट्र का यह मतलब नहीं है कि इसमें मुस्लिमों के लिए जगह नहीं। उन्होंने कहा कि जिस दिन ऐसा कहा जाएगा कि मुस्लिम नहीं होने चाहिए, उस दिन हिंदुत्व भी नहीं बचेगा।

इसके अलावा मोहन भागवत ने इस कार्यक्रम में उस धारणा को भी खारिज किया कि संघ संविधान के खिलाफ है। मोहन भागवत ने तब स्पष्ट कहा था कि संघ संविधान की सर्वोच्चता को स्वीकार करता है। इस बीच संघ ने अपने परंपरागत लिबास यानी खाकी हाफ पैंट में बदलाव करते हुए इसे फुल पैंट के रूप में स्वीकार किया है। भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठन के रूप में संघ अब साफ तौर पर संकेत दे रहा है कि वह परंपरागत विचारों को त्यागकर बदलते समाज के मुताबिक खुद को भी बदल रहा है। शायद मोहन भागवत के हाथों सम्मानित होते सलीम खान की यह तस्वीर भी इसी ओर इशारा कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.