समिति ने दी मप्र हाई कोर्ट के न्यायाधीश को क्लीन चिट
राज्यसभा के तत्कालीन सभापति हामिद अंसारी ने अप्रैल 2015 में इसका गठन किया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश एसके गंगेले को राज्यसभा के सभापति द्वारा नियुक्त समिति समिति ने यौन उत्पीड़न के आरोप से क्लीन चिट दे दी है। एक पूर्व न्यायिक अधिकारी ने न्यायाधीश पर आरोप लगाया था। अब जस्टिस गांगेले को महाभियोग का सामना नहीं करना होगा।
राज्यसभा में शुक्रवार को समिति की रिपोर्ट पेश की गई। इस समिति का गठन न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 के तहत किया गया था। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश आर. भानुमति, जस्टिस मंजुला चेल्लुर और न्यायविद केके वेणुगोपाल को शामिल किया गया था।
राज्यसभा के तत्कालीन सभापति हामिद अंसारी ने अप्रैल 2015 में इसका गठन किया था। उन्होंने जस्टिस गंगेले के खिलाफ 58 सदस्यों के समर्थन से प्रस्ताव लाए जाने के बाद यह कदम उठाया था। लोकसभा के सौ सांसदों या राज्यसभा के 50 सदस्यों को इस तरह के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करना होता है। इसके बाद ही सदन में महाभियोग प्रस्ताव के रूप में स्वीकार किया जाता है।
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