Move to Jagran APP

'भारतमाला' समेत सड़क निर्माण का 7 लाख करोड़ का विशाल कार्यक्रम

'भारतमाला' के तहत 5.35 लाख करोड़ से 34,800 किमी राजमार्ग बनेंगे, भारतमाला से 14.2 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार पैदा होगा..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 09:19 PM (IST)Updated: Tue, 24 Oct 2017 09:19 PM (IST)
'भारतमाला' समेत सड़क निर्माण का 7 लाख करोड़ का विशाल कार्यक्रम
'भारतमाला' समेत सड़क निर्माण का 7 लाख करोड़ का विशाल कार्यक्रम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए बुनियादी ढांचे पर भारी भरकम खर्च की योजना बनायी है। इसके तहत देश में बड़े पैमाने पर सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इस पर पांच वर्षो में लगभग 6.92 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा और कुल 83,677 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। इसमें राजमार्ग निर्माण की महाकाय 'भारतमाला' परियोजना शामिल है, जिसके कार्यान्वयन से बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। यह परियोजना देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मददगार साबित होगी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी गई।

loksabha election banner

'भारतमाला' के तहत 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत से 34,800 किलोमीटर राजमार्गो का निर्माण किया जाएगा। इसमें 9 हजार किलोमीटर का आर्थिक कारीडोर, 6 हजार किलोमीटर का अंतर कारीडोर और फीडर मार्ग, 5 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय कारीडोर क्षमता में सुधार, 2 हजार किलोमीटर सीमावर्ती व अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी की सड़कें, 2 हजार किलोमीटर तटीय व बंदरगाहों को जोड़ने वाली सड़कें, 800 किलोमीटर नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे तथा शेष 10 हजार किलोमीटर एनएचडीपी से जुड़ी सड़कें शामिल हैं। इससे कुछ मार्गो पर दूरी में मामूली बढ़ोतरी तो अवश्य होगी लेकिन सभी महत्वपूर्ण औद्योगिकी और व्यापारिक केंद्र सड़क मार्ग से जुड़ जाएंगे।

'भारतमाला' का निर्माण एनएचएआइ, एनएचआइडीसीएल, सड़क मंत्रालय के अलावा राज्यों के सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) मिलकर करेंगे। परियोजना को पांच वर्षो में 2021-22 तक पूरा करने का प्रस्ताव है।

भारतमाला के लिए धन का इंतजाम विविध तरीकों से किया जाएगा। इसमें 2.09 लाख करोड़ रुपये बाजार से कर्ज के रूप में जबकि 1.06 लाख करोड़ रुपये पीपीपी के माध्यम से जुटाए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय सड़क निधि, सड़क परियोजनाओं के मौद्रीकरण (टीओटी) तथा एनएचएआइ के टोल संग्रह के जरिए 2.19 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई जाएगी।

भारतमाला के अतिरिक्त अन्य चालू स्कीमों के तहत 48,877 किलोमीटर सड़कों के निर्माण का लक्ष्य है। इन पर 1.57 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इस पैसे का इंतजाम केंद्रीय सड़क निधि (97 हजार करोड़) तथा सकल बजटीय सहायता (59 हजार करोड़) के माध्यम से किया जाएगा।

इसकी विस्तार से जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका विस्तृत ब्यौरा रखा गया। वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया कि भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए काफी राशि वर्तमान राजमार्ग परियोजनाओं के टोल संग्रह (टीओटी) ठेके देकर जुटाई जाएगी। टीओटी का अर्थ है टोल, आपरेट एंड ट्रांसफर जिसके तहत ठेका प्राप्त करने वाली कंपनी 20 या 30 वर्ष के लिए सड़क पर टोल संग्रह करेगी और उसके बाद उसे वापस सरकार को सौंप देगी। इसके तहत कुल 82 चालू परियोजनाओं के टीओटी ठेके दिए जाएंगे। इससे सरकार को 34 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। टीओटी के तहत एनएचएआइ ने कुल 680.64 किलोमीटर लंबाई वाले नौ राजमार्गो के मौद्रीकरण के टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। इनसे 6258 करोड़ की राशि प्राप्त होगी।

भारतमाला समेत सड़क निर्माण के इस नवीन अंब्रेला कार्यक्रम से देश को एक दक्ष व सुगम परिवहन प्रणाली हासिल होने की उम्मीद है। इसके कार्यान्वयन के लिए सरकार ने सड़क परियोजनाओं से संबंधित अनेक अवरोधों को समाप्त कर दिया है। सरकार को उम्मीद है कि इस परियोजना के कार्यान्वयन से देश में 14.2 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार सृजन होगा।

यह भी पढ़ेंः नोटबंदी की बरसी पर देश में काला दिवस मनाएगा विपक्ष

यह भी पढ़ेंः जेटली बोले- देश का बुनियादी ढांचा मजबूत, बड़े बदलाव का असर कुछ वक्त बाद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.