लॉकडाउन के दौरान रोजेदार 15 घंटे भूखे रहकर जरूरतमंदों की करते हैं सेवा
यह समय सेवा के लिए ज्यादा अच्छा है पूरी तन्मयता से गरीबों की सेवा में जुटे हैं। 15 घंटे स्वयं भूखे-प्यासे रहकर जरूरतमंदों को सामग्री बांट रहे हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के दौरान रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है। इस दौरान मुस्लिम धर्मावलंबी इबादत में दिन गुजार रहे हैं। कुछ रोजेदार ऐसे भी हैं, जो करीब 15 घंटे बिना कुछ खाए-पिए रहते हैं, लेकिन यह भी प्रयास कर रहे हैं कि जरूरतमंद भूखा न रह जाए।
मेरी जिंदगी में पहला मौका है जब रमजान के पहले दिन का रोजा सड़क पर खोला हो
भोपाल में जमीअत उलमा संगठन के पदाधिकारी रोजा रखकर गरीबों को भोजन, राशन, मास्क के साथ रोजेदारों को इफ्तारी की सामग्री बांट रहे हैं। सेवा के दौरान कई दफा ऐसा अवसर भी आया, जब उन्हें रोजा फुटपाथ पर खोलना पड़ा। जमीअत उलमा के प्रवक्ता हाजी इमरान हारून ने बताया कि मेरी जिंदगी में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब रमजान के पहले दिन का रोजा सड़क पर खोला हो।
एक तरफ रमजान की खुशियां तो दूसरी ओर विरानीयत का अफसोस
एक तरफ रमजान की खुशियां तो दूसरी ओर विरानीयत का अफसोस है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले चरण की शुरुआत से ही गरीबों, जरूरतमंदों को मास्क, सैनिटाइजर व खाने के पैकेट वितरित कर रहे हैं। संस्था के खर्चे से तीन हजार राशन किट और पांच हजार मास्क वितरित किए जा चुके हैं। संस्था में एक दर्जन ऐसे लोग हैं, जो हर परिस्थिति व खुशी में जनता के साथ समय बिताते हैं।
15 घंटे भूखे-प्यासे रहकर जरूरतमंदों को सामग्री बांटते हैं
25 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो गया। यह समय सेवा के लिए ज्यादा अच्छा रहता है, इसलिए पूरी तन्मयता से गरीबों की सेवा में जुटे हैं। तपती धूप में 15 घंटे तक स्वयं भूखे-प्यासे रहकर जरूरतमंदों को सामग्री बांट रहे हैं। रमजान के पहले जुमे के दिन इबादत तो घरों में की और मानव सेवा के दौरान रोजा सड़कों पर खोला। यह सेवा कार्य संस्था के प्रदेशाध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून के आव्हान पर चल रहा है। इसमें मोहम्मद कलीम, मुजाहित मोहम्मद खान, मुफ्ती मोहम्मद राफे, हनीफ अय्यूबी, यासिर, मोहम्मद सलमान, डॉ. एजाज आरिफ अली, रिजवान आदि सहयोग कर रहे हैं।