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अब नक्सली इलाकों में नई तकनीक से तेजी से बनेगी सड़क

ध्यान देने की बात है कि सुकमा में सड़क निर्माण की सुरक्षा में तैनात जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें 25 जवान मारे गए थे।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 08:51 PM (IST)
अब नक्सली इलाकों में नई तकनीक से तेजी से बनेगी सड़क
अब नक्सली इलाकों में नई तकनीक से तेजी से बनेगी सड़क

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में अब नई तकनीक से सड़कें बनेंगी। आधारभूत संरचना से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेज गति से और टिकाऊ सड़कें बनाने के लिए नई तकनीक के इस्तेमाल का निर्देश दिया है। इसका सबसे अधिक लाभ दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में होगा। ध्यान देने की बात है कि सुकमा में सड़क निर्माण की सुरक्षा में तैनात जवानों पर नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें 25 जवान मारे गए थे।

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मंगलवार को आधारभूत संरचना से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में सड़क बनाने हो रही देरी और उनके गुणवत्ता का मुद्दा उठा था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को सड़क परियोजनाओं की तैयारी और क्रियान्वयन में इसरो की मदद लेने का सुझाव दिया। उनका कहना था कि इसके लिए दुनिया में उपयोग में लाई जा रही अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग होना चाहिए।

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इसकी जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंप दी गई है। नीति आयोग को दुनिया भर में उपयोग में लाई जा रही सड़क निर्माण की नई तकनीक का अध्ययन करने और भारत के लिए इनमें से सबसे बेहतर तकनीक का सुझाव देने को कहा गया है।

सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि प्रधानमंत्री की इस पहल का सबसे अधिक लाभ नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में होगा। नक्सली सड़क समेत सभी विकास योजनाओं का विरोध करते हैं और इसे रोकने के लिए पूरी कोशिश करते हैं। समस्या यह है कि सड़क बनाने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती और इस दौरान सुरक्षा बलों की लगातार इसकी निगरानी करनी पड़ती है। सोमवार को सड़क परियोजना की निगरानी में लगे 25 जवानों को नक्सलियों ने मार गिराया था। इसके महीना पहले सुकमा के इसी इलाके में दूसरी सड़क परियोजना की निगरानी में लगे सीआरपीएफ के 12 जवानों को निशाना बना चुके हैं।

लंबे समय तक एक ही इलाके में सड़क निर्माण की सुरक्षा लगे जवानों की गतिविधियों पर नक्सली नजर रखते हैं और मौका मिलते ही उनपर हमला कर देते हैं। अचानक हुए हमले से सुरक्षा बलों जवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यदि नई तकनीक की सहायता से सड़क तेजी से बनेंगी और लंबे समय तक सुरक्षित रहेंगी, तो जवानों को उसी अनुपात में कम समय के लिए उस इलाके में तैनात रहना होगा।


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