डा. रोहित बालुजा। सड़क हादसे में टाटा संस के चेयरमैन सायरस मिस्त्री की मौत ने सड़क सुरक्षा के मामले में सुधारों की गति को तेज करने की जरूरत को बल दिया है। हालांकि इस समय किसी जल्दबाजी में कदम उठाने से समाधान नहीं निकलेगा। सड़क सुरक्षा को लेकर कोई अस्थायी सुधार स्थायी समाधान नहीं बन सकता है। बल्कि जल्दबाजी में उठाए गए कदम से नकारात्मक असर भी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि जरा ठहरकर गंभीरता से कदम बढ़ाया जाए। सुरक्षित यातायात प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं को लेकर क्षमता निर्माण की आवश्यकता है।
सड़क सुरक्षा असल में एक दक्ष यातायात प्रबंधन का परिणाम है। इसमें सड़क मंत्रालय के अलावा गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, कानून मंत्रालय समेत कई अन्य मंत्रालयों की भूमिका है। हमें ट्रैफिक इंजीनियरिंग, वाहनों से जुड़े नियम, ड्राइवर की ट्रेनिंग, नियमों के अनुपालन और लोगों में जागरूकता जैसे सभी पहलुओं पर कदम बढ़ाना होगा। सड़क सुरक्षा के मामले में कदम बढ़ाने से पहले दुर्घटनाओं के कारणों को सही तरह से समझना सबसे ज्यादा जरूरी है। सड़क दुर्घटना के मामले में वैज्ञानिक तरीके से जांच की जानी चाहिए।

अभी हम इस मामले में बहुत पीछे हैं। कई बार दुर्घटना के सही कारणों का पता ही नहीं चल पाता है। जांच के मामले में पुलिस ही नोडल एजेंसी होती है। उन्हें ऐसे मामलों में प्रमाण जुटाने से लेकर अन्य जरूरी पहलुओं के बारे में न तो जानकारी होती है और न ही उनके पास ऐसे टूल्स होते हैं। दुर्घटना के मामले में स्थिति के विश्लेषण और रीकंस्ट्रक्शन से कई अहम बातें पता चल सकती हैं।
सड़क सुरक्षा से जुड़े नियमों में सुधार की तेज गति के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति सबसे पहली जरूरत है। इसका एक अच्छा उदाहरण फ्रांस है। वहां सड़क सुरक्षा को लेकर सुधारों की दिशा में 2002 को ऐतिहासिक वर्ष माना जाता है। राष्ट्रपति जैक शिराक ने जवाबदेही तय करते हुए क्षमता निर्माण की बात कही थी। परिणाम यह हुआ कि 2002 से 2005 के बीच ही वहां दुर्घटनाओं में 32.5 प्रतिशत की कमी आ गई थी।
एनसीआरबी के मुताबिक, 2021 में सड़क हादसों में भारत में डेढ़ लाख से ज्यादा मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामले में हम सबसे आगे हैं। लाखों लोग इन दुर्घटनाओं में घायल होते हैं, जो कहीं न कहीं स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव का कारण बनते हैं। उम्मीद है कि सरकार पूरे देश में सड़क सुरक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण को लेकर गंभीरता से विचार करेगी। सस्टेनेबल डेवलपमेंट और बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सुरक्षित सड़क परिवहन भी बहुत आवश्यक है। सुरक्षित यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में निवेश भी आवश्यक है। सुरक्षित यातायात प्रबंधन व्यवस्था में क्षमता निर्माण से अर्थव्यवस्था का निर्माण भी सीधे तौर पर जुड़ा है।
[अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट आफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन, दिल्ली]