पाकिस्तान में रची गई पत्रकार शुजात बुखारी हत्याकांड की साजिश, लश्कर के आतंकियों का हाथ
वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी हत्याकांड में बड़ा खुलासा। पाकिस्तान ने रची हत्या की साजिश। लश्कर के आतंकियों ने घटना को दिया अंजाम।
श्रीनगर (राज्य ब्यूरो)। राइजिंग कश्मीर अखबार के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी हत्याकांड मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को बड़ा खुलासा किया है। पुलिस के अनुसार, शुजात बुखारी और उनके दो अंगरक्षकों की हत्या की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। इसके लिए सोशल मीडिया का भी सराहा लिया गया था। पुलिस ने तीनों हत्यारों का स्केच भी जारी किया है। पुलिस के मुताबिक पाकिस्तान मे बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया।
लश्कर के इशारे पर हत्या
लश्कर-ए-तैयबा के कहने पर पाकिस्तान में बैठा श्रीनगर के एचएमटी परिंपोरा का रहने वाला शेख सज्जाद गुल उर्फ अहमद खालिद ने साजिश का पूरा खाका तैयार किया और उसे कश्मीर में सक्रिय आतंकियों ने अंजाम दिया। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हत्या में शामिल लश्कर के तीनों आतंकियों की तस्वीरें जारी करते हुए कहा कि सज्जाद गुल को पकड़ने के लिए लुक आउट नोटिस जारी करने व इंटरपोल की मदद लेने का फैसला किया गया है।
एक पाकिस्तान और दो स्थानीय आतंकी शामिल
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आइजीपी) कश्मीर रेंज एसपी पाणि ने पत्रकारों को बताया कि हत्या को लश्कर के तीन आतंकियों ने अंजाम दिया है। इनमें पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट उर्फ अबु हंजला के अलावा सोपट कुलगाम का रहने वाला मुजफ्फर अहमद बट उर्फ तल्हा और आजाद अहमद दादा उर्फ जैयद निवासी अरवनी बिजबिहाड़ा अनंतनाग शामिल है। नवीद जट्ट इसी साल फरवरी माह के दौरान श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुआ था।
वेबसाइटों को खंगालने से हुआ पर्दाफाश
आइजीपी ने बताया कि जांच के दौरान फेसबुक, ट्विटर हैंडल और कश्मीर फाइट वर्ड प्रेस जैसी वेबसाइटों पर प्रकाशित सामग्री की जांच की गई। कश्मीर फाइट वर्ड प्रेस वेबसाइट पर ही शुजात बुखारी और कश्मीर के कुछ अन्य लोगों के बारे में दुष्प्रचार किया जा रहा है। इस साइट पर अभी तक चार आपत्तिजनक ब्लॉग प्रकाशित हो चुके हैं और इनके जरिये कुछ लोगों को नुकसान पहुंचाने की जमीन तैयार की गई।
यह दुष्प्रचार, फेसबुक के पेज कड़वा सच व ट्विटर हैंडल खालिद अहमद 313 से भी हो रहा है। सभी तथ्यों को खंगालने और इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने वाले कंपनियों की मदद से पता चला कि जिस आइपी एट्रेस से यह सारा दुष्प्रचार हो रहा है, वह पाकिस्तान में है। यह दुष्प्रचार शेख सज्जाद गुल अपने कुछ अन्य साथियों संग कर रहा है। वह श्रीनगर समेत अन्य जगहों पर सक्रिय कुछ लोगों के साथ सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों के जरिये लगातार संपर्क में है।
पाकिस्तान को दिए जाएंगे सुबूत
आइजीपी ने कहा कि सज्जाद गुल पाकिस्तान में है, इसलिए हम इंटरपोल की मदद भी लेंगे। आवश्यक दस्तावेज व सुबूत केंद्र सरकार के माध्यम से पाकिस्तान के हवाले कर उसे गिरफ्तार कर कश्मीर लाने का प्रयास करेंगे। हत्या क्यों हुई, इसकी जांच हो रही है। हत्या में लिप्त आतंकियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है।
कौन है शेख सज्जाद गुल
आइजीपी ने बताया कि साजिशकर्ता शेख सज्जाद गुल वर्ष 2002 में दिल्ली में पकड़ा गया था। उसके बाद वह कुछ सालों तक जेल में रहा। वर्ष 2016 में वह श्रीनगर में ही आतंकी गतिविधियों के सिलसिले में पकड़ा गया और जेल से छूटने के कुछ ही दिनों बाद वह एक फर्जी पासपोर्ट के सहारे मार्च, 2017 में पाकिस्तान भाग गया। उसने यह पासपोर्ट कहां से और कैसे हासिल किया, इसकी भी जांच की जा रही है। सज्जाद पाकिस्तान से ही लश्कर के लिए कश्मीर में आतंकी साजिशों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा है।
जुबैर क्यूम की भूमिका की भी जांच होगी
आइजीपी ने बताया कि इस मामले में पकड़े गए जुबैर क्यूम की भूमिका की भी जांच हो रही है। उसने ही आतंकी हमले में पत्रकार व उसके अंगरक्षकों की मौत के तुरंत बाद उनके दो मोबाइल और एक पिस्तौल उठाई थी।