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अमीरों को नहीं पसंद आ रहा भारत, देश छोड़ने के मामले में भारतीय तीसरे नंबर पर

देश छोड़ने वाले अमीरों के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। पहले स्थान पर चीन और दूसरे स्थान पर रूस है। पिछले साल 5000 अमीर लोग भारत की नागरिकता छोड़ किसी और देश में जा बसे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 12 May 2019 10:18 PM (IST)
अमीरों को नहीं पसंद आ रहा भारत, देश छोड़ने के मामले में भारतीय तीसरे नंबर पर
अमीरों को नहीं पसंद आ रहा भारत, देश छोड़ने के मामले में भारतीय तीसरे नंबर पर

नई दिल्ली, आइएएनएस। कारोबारी सहूलियत रैंकिंग में सुधार और दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था जैसे बड़े-बड़े दावों के बावजूद एक सच्चाई यह सामने आई है कि बड़ी संख्या में भारत के अमीर लोग दूसरे देश चले जाते हैं। एएफआरएशिया बैंक और रिसर्च फर्म न्यू व‌र्ल्ड वेल्थ की ताजा रिपोर्ट 'ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू (जीडब्ल्यूएमआर) 2019' में कहा गया है कि पिछले साल देश की नागरिकता छोड़कर कहीं और जा बसने वाले अमीरों के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है। ऐसे हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनडब्ल्यूआइ) यानी अमीरों की संख्या गत साल करीब 5,000 थी। यह देश के कुल एचएनडब्ल्यूआइ का दो फीसद है।

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अमीरों की पसंद अमेरिका और आस्ट्रेलिया
अमीरों द्वारा छोड़ दिए जाने वाले देशों की सूची में पहले स्थान पर चीन है। अमेरिका के साथ ट्रेड वार का असर चीन पर दिखने लगा है। अमेरिका द्वारा नया शुल्क थोपे जाने के बाद चीन पर आने वाले समय में और भी गंभीर असर हो सकता है। सूची में दूसरे स्थान पर रूस है। रूस की अर्थव्यवस्था भी अनेक आर्थिक प्रतिबंधों से प्रभावित हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक देश छोड़ने वाले अमीरों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य हैं अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया।

भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यहां आर्थिक असमानता काफी अधिक है। भारत की कुल संपत्ति का 48 फीसद हिस्सा एचएनडब्ल्यूआइ के हाथ में है। जबकि इस मामले में पूरी दुनिया का औसत 36 फीसद है।

रिपोर्ट में भारत की सराहना करते हुए हालांकि यह भी लिखा गया है कि अगले 10 साल में भारत की कुल संपत्ति में तेजी से इजाफा होने वाला है। जीडब्ल्यूएमआर रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति सृजन के मामले में भारत ब्रिटेन और जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा और 2028 तक यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा संपत्ति बाजार बन जाएगा। 

संपत्ति सृजन में दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद की बड़ी भूमिका
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अगले 10 साल में संपत्ति बनाने में दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद की बड़ी भूमिका रहेगी। दिल्ली अपनी विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था व कई अन्य सेक्टरों की अपनी ताकत के बल पर संपत्ति सृजन में योगदान करेगा। बंगलुरु के पास आइटी और आरएंडडी उद्योग की ताकत है। हैदराबाद देश की फार्मास्यूटिकल राजधानी होने के नाते और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) के बल पर देश के संपत्ति सृजन में योगदान करेगा।

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