रियाज ने 10 साल पहले ही नेपाल को मान लिया था सुरक्षित अड्डा
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के संस्थापक रियाज भटकल ने 2003 में ही अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल को आतंकी संगठन के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना ली थी। उस समय आइएम की औपचारिक स्थापना भी नहीं हुई थी। तब मुंबई के कुर्ला क्षेत्र में रहने वाला रियाज और उसका भाई इकबाल प्रतिबंधित हो
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]।इंडियन मुजाहिदीन [आइएम] के संस्थापक रियाज भटकल ने 2003 में ही अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल को आतंकी संगठन के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना ली थी। उस समय आइएम की औपचारिक स्थापना भी नहीं हुई थी। तब मुंबई के कुर्ला क्षेत्र में रहने वाला रियाज और उसका भाई इकबाल प्रतिबंधित हो चुके मुस्लिम युवकों के संगठन सिमी का साधारण सदस्य था। दोनों कुर्ला में अपने घर के पास ही स्थित सिमी कार्यालय में बैठते थे।
कुर्ला के सिमी कार्यालय में बैठने के दौरान उसकी पहचान गुजरात पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए एक गैंगस्टर आसिफ रजा के भाई आमिर रजा से हुई। आमिर ने अपने भाई की स्मृति में आसिफ रजा कमांडो फोर्स का गठन किया था। रियाज ने इस संगठन से मिलने वाले धन का इस्तेमाल कर नेपाल में मुस्लिम युवाओं को आतंक का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई थी। वास्तव में उस समय तक यासीन भटकल आतंक की दुनिया में भी नहीं आया था। रियाज ने 2002-03 के दौरान ही कुर्ला में रहने वाले उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के कुछ युवकों के साथ मिलकर आजमगढ़ ग्रुप का गठन किया। इस ग्रुप में गैंगस्टर फजलुर्रहमान गैंग के कई लोग थे। बाद में यही ग्रुप इंडियन मुजाहिदीन के रूप में कुख्यात हुआ, जो कश्मीर के बाहर शेष भारत में 2002 के बाद से अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा विस्फोट करा चुका है। रियाज और उसके बड़े भाई इकबाल के पाकिस्तान भागने के बाद पिछले पांच वर्ष से भारत में आइएम का सारा कामकाज यासीन भटकल ही देख रहा है। रियाज के आजमगढ़ ग्रुप के सदस्य अब भी उसकी मदद करते हैं। आज उसके साथ पकड़ा गया असदुल्लाह अख्तर भी आजमगढ़ का ही मूल निवासी है। माना जा रहा है कि रियाज नेपाल को अड्डे के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना अब पाकिस्तान में बैठकर अंजाम दे रहा है।
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