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राजस्व संग्रह के आंकड़ों ने खारिज की नोटबंदी की सभी आशंकाए

नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की रफ्तार के धीमा पड़ने की आशंकाएं व्यक्त की गई थीं।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 04 Apr 2017 05:59 PM (IST)Updated: Tue, 04 Apr 2017 06:29 PM (IST)
राजस्व संग्रह के आंकड़ों ने खारिज की नोटबंदी की सभी आशंकाए
राजस्व संग्रह के आंकड़ों ने खारिज की नोटबंदी की सभी आशंकाए

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नोटबंदी और उसकी वजह से संभावित मंदी की आशंका को केंद्र सरकार के कर राजस्व संग्रह के आंकड़ों ने खारिज कर दिया है। वित्त वर्ष 2016-17 में सरकार का कर संग्रह छह साल में सबसे अधिक रहा है। इस अवधि में सरकार को 17.10 लाख करोड़ रुपये का कर राजस्व मिला है।

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नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था की रफ्तार के धीमा पड़ने की आशंकाएं व्यक्त की गई थीं। लेकिन पहले मैन्यूफैक्चरिंग में सुधार और अब कर राजस्व संग्रह ने यह साबित कर दिया है कि ये आशंकाएं बेवजह थीं। वित्त मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कर संग्रह का संशोधित लक्ष्य 16.97 लाख करोड़ रुपये था जिसमें 8.47 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर और 8.5 लाख करोड़ रुपये परोक्ष कर शामिल है। इससे पहले सरकार ने आम बजट 2016-17 में प्रत्यक्ष और परोक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 16.25 लाख करोड़ रुपये रखा था जिसे बढ़ाकर बाद में 16.97 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। इसके बावजूद सरकार ने संशोधित लक्ष्य से भी अधिक कर संग्रह करने में सफलता पायी। राजस्व सचिव हसमुख अढिया का कहना है कि कुल कर संग्रह में 18 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह 17.10 लाख करोड़ रुपये रहा है जो कि बीते छह साल में सर्वाधिक है।

वित्त वर्ष 2016-17 में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य के अनुरूप 8.47 लाख करोड़ रुपये हुआ जो पूर्व वर्ष की तुलना में 14.2 प्रतिशत अधिक है। जहां तक कारपोरेट टैक्स और व्यक्तिगत आयकर संग्रह में सकल वृद्धि का सवाल है तो वित्त वर्ष 2016-17 में कारपोरेट टैक्स में 13.1 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 18.4 प्रतिशत वृद्धि हुई। हालांकि आयकर विभाग ने जो रिफंड जारी किए उन्हें घटाने के बाद शुद्ध व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 21 प्रतिशत तथा कारपोरेट टैक्स में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2016-17 में 1.62 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए जो कि वित्त वर्ष 2015-16 की तुलना में 32.6 प्रतिशत अधिक है।

परोक्ष करों के मोर्चे पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क का संग्रह 8.63 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि वित्त वर्ष 2015-16 के मुकाबले 22 प्रतिशत अधिक है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क का शुद्ध संग्रह 3.83 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि वित्त वर्ष 2015-16 के 2.86 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 33.9 प्रतिशत अधिक है। वहीं सेवा कर संग्रह भी वित्त वर्ष 2016-17 में 20 प्रतिशत से अधिक वृद्धि के साथ 2.54 प्रतिशत रहा है। हालांकि सीमा शुल्क संग्रह में वृद्धि महज 7.4 प्रतिशत की हुई है और 2016-17 में यह 2.26 लाख करोड़ रुपये रहा है।

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