रिटायर्ड नौसैनिक कमांडर सैमुअल बोले- साठे एक बेहतरीन इंसान, बेहतरीन पायलट थे
सेवानिवृत्त नौसैनिक कमांडर सैम टी सैमुअल ने दीपक वसंत साठे को याद करते हुए कहते हैं कि साठे एक पायलट के रूप में उत्कृष्ट थे।
कोच्चि, आइएएनएस। मैंने एक अच्छा दोस्त खो दिया है जो एक महान इंसान था और एक पायलट के रूप में उत्कृष्ट था, सेवानिवृत्त नौसैनिक कमांडर सैम टी सैमुअल ने दीपक वसंत साठे को याद करते हुए कहा। साठे, एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ान के पायलट थे, जो कि शुक्रवार को लैंडिंग के समय फिसल गया था और इसमें प्लेन के दोनों पायलट समेत कुल 21 लोगों की मौत हो गई है। बता दें कि मृतकों का आंकड़ा रात से बढ़ रहा है।
सैमुअल अब 62 साल के हैं और कोच्चि में बस गए है, वे वायु सेना अकादमी हैदराबाद में साठे के पाठ्यक्रम के साथी थे। उन्होंने कहा कि साठे हालांकि एनडीए में मुझसे दो साल जूनियर थे, हम 1980-81 के दौरान हैदराबाद अकादमी में एक ही कोर्स में थे, जहां हमने उड़ान भरना सीखा।
एनडीए के पूर्व छात्र थे दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलट कैप्टन साठे
हादसे में मारे गए दो पायलटों में से एक कैप्टन दीपक साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के पूर्व छात्र थे। उन्हें राष्ट्रपति पदक भी प्रदान किया गया था।एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) भूषण गोखले ने बताया कि कैप्टन दीपक वी. साठे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 58वें पाठ्यक्रम से थे।
उन्होंने जून, 1981 में सोर्ड ऑफ ऑनर के साथ वायुसेना अकादमी को पास किया था। वह भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट (विंग कमांडर) भी रहे थे। वह बेहतरीन स्क्वैश खिलाड़ी भी थे।वायुसेना की नौकरी के बाद दीपक ने एयर इंडिया की कॉमर्शियल सíवसेज जॉइन कर ली थी। दीपक साठे के पिता सेना में ब्रिगेडियर थे। उन्होंने अपना दूसरा बेटा खोया है। उनके पहले पुत्र कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे।दीपक देश के उन चुनिंदा पायलटों में से एक थे, जिन्होंने एयर इंडिया के एयरबस 310 विमान और बोइंग 737 को उड़ाया था। एयर इंडिया के अफसरों के मुताबिक, दीपक एयर इंडिया के बेहतरीन पायलटों में से एक थे। कोझिकोड हादसे के बाद हर कोई उन्हें याद करते हुए कह रहा है कि एयर इंडिया ने एक बेहद काबिल अधिकारी को खो दिया है।
दो बार की थी उतरने की कोशिश
ग्लोबल फ्लाइट ट्रैकर वेबसाइट 'फ्लाइटरडार24' के मुताबिक केरल में एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान ने कोझिकोड एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले कई बार ऊपर चक्कर लगाए थे और दो बार और भी उतरने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी।