सेवानिवृत्त कर्मचारी देंगे रेलवे को गति, तकनीकी कर्मचारियों की कमी को करेंगे दूर
रेलवे में निर्माण कार्य को गति देने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मदद ली जाएगी।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। रेलवे में निर्माण कार्य को गति देने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की मदद ली जाएगी। इसके लिए रेलवे निर्माण संगठन में कनिष्ठ अभियंता व वरिष्ठ खंड अभियंता के पद पर इन्हें तैनात करने का फैसला किया गया है। फिलहाल प्रायोगिक तौर पर दो वर्षो के लिए यह योजना लागू की जा रही है। इससे पहले भी रेलवे के विभिन्न पदों पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तैनात करने की घोषणा की गई है। इससे रेलवे के निर्माण व अन्य काम में तेजी आने की उम्मीद है।
-रेलवे के विकास कार्यो में आएगी तेजी, सुरक्षित रेल परिचालन में मिलेगी मदद
रेलवे में तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी है। इसका सीधा असर विकास व संरक्षा कार्यो पर पड़ रहा है। इस कमी को दूर करने के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की तैनाती के साथ ही संविदा पर भी कर्मचारी रखे जा रहे हैं। हाल ही में उत्तर रेलवे में कुल 4690 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की नियुक्ति की घोषणा की गई थी। इसमें दिल्ली मंडल के 477 ट्रैकमैन और 44 अभियंताओं के पद शामिल हैं।
पिछले वर्षो में हुई कई दुर्घटनाओं के बाद तकनीकी कर्मचारियों की कमी का मुद्दा जोरशोर से उछला था। कर्मचारी संगठनों ने भी खाली पदों को भरने की मांग की थी। उनका कहना था कि कर्मचारियों की कमी की वजह से रेल पटरियों की सही ढंग से जांच नहीं हो पाती है। इसी तरह रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए बड़े पैमाने पर काम चल रहा है, लेकिन तकनीकी कर्मचारियों की कमी की वजह से इन कार्यो को रफ्तार देने में परेशानी हो रही है।
कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए रेलवे में लगभग एक लाख पदों पर स्थायी नियुक्ति की जा रही है। इसकी प्रक्रिया पूरी होने में वक्त लगेगा। वहीं, जिस रफ्तार से रेलवे में विकास कार्य चल रहे हैं उस हिसाब से और ज्यादा कर्मचारियों की जरूरत है। ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अनुभव का लाभ उठाना फायदेमंद साबित हो सकता है।
62 वर्ष तक के कर्मचारी होंगे तैनात
रेलवे में सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है। फिलहाल 62 वर्ष तक के कर्मचारियों को तकनीकी कार्य पर रखा जाएगा। वहीं, इन्हें स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा। पद के लिए निर्धारित स्वास्थ्य मानदंड पर खरा उतरने वाले को ही तैनात किया जाएगा। यदि पर्याप्त संख्या में सेवानिवृत्त कर्मचारी नहीं मिलेंगे तो संविदा पर दूसरे लोगों को रखा जाएगा। इन्हें एक निश्चित मानदेय देने के साथ ही स्थायी कर्मचारियों की तरह साप्ताहिक व अन्य अवकाश, ड्यूटी पास जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की कमी दूर होने से जहां रेलवे में चल रहे निर्माण कार्य में तेजी आएगी। वहीं, नई पटरी बिछाने, पुरानी लाइनों की मरम्मत, पटरियों के रखरखाव सहित अन्य कार्यो में होने वाली परेशानी भी दूर हो जाएगी।