कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोले- कृषि कानूनों की वापसी का निर्णय एक उत्तरदायी सरकार का नतीजा
कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद इस फैसले को किसानों की जीत कहा जा रहा है। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले लिए प्रशांसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय एक उत्तरदायी सरकार की प्रतिक्रिया है।
बेंगलुरु, एएनआइ। कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद इस फैसले को किसानों की जीत कहा जा रहा है। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले लिए प्रशांसा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय एक उत्तरदायी सरकार की प्रतिक्रिया है।
बोम्मई ने कहा, 'यह किसानों की मांगों के प्रति केंद्र की संवेदनशील सरकार की प्रतिक्रिया है।' प्रधान मंत्री के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, 'कानून यूपीए सरकार के दौरान डबल्यूटीओ एग्रीमेंट (WTO agreement) के तहत कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की मंशा का हिस्सा था। यूपीए सरकार ने ही कृषि कानूनों का मसौदा तैयार किया था।'
उन्होंने कहा, 'राज्य सरकारों के सुझावों को शामिल करके मसौदे को संशोधित किया गया था। कानूनों में किसानों को अपनी उपज सीधे खरीदारों को बेचने का प्रावधान था। हालांकि, पंजाब और हरियाणा में बड़े पैमाने पर किसान विनियमित बाजार प्रणाली (regulated market system) को जारी रखने के लिए आंदोलन कर रहे थे।'
अक्टूबर और नवंबर में राज्य के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम भारी बारिश के कारण कृषि फसलों को हुए नुकसान पर शुक्रवार को उनके द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बारे में बोलते हुए, बोम्मई ने कहा, 'हमें जिलों से धान और ज्वार सहित फसल के नुकसान की प्राथमिक रिपोर्ट मिली है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तटीय क्षेत्र के जिलों और उत्तरी कर्नाटक की सीमा से लगे। राज्य में अक्टूबर और नवंबर में अत्यधिक बारिश हुई है।' मुख्यमंत्री ने सभी जिलों से सर्वेक्षण रिपोर्ट प्राप्त कर राज्य के विभिन्न हिस्सों में फसल नुकसान के मुआवजे के भुगतान के लिए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। बता दें कि इससे एक दिन पहले बोम्मई ने पिछले दो महीनों में राज्य में बारिश के कारण हुए नुकसान के बाद एक समीक्षा बैठक की थी।