आरबीआई के सख्त निर्देश, एटीएम दुरस्त करें या कार्रवाई को तैयार रहें बैंक
इस वर्ष अप्रैल में एक गोपनीय अधिसूचना में आरबीआई ने एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर चिंता जताई थी।
मुंबई, एजेंसी। एटीएम के माध्यम से हो रही धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को बैंकिंग क्षेत्र के नियामक भारतीय रिजर्व बैंक ने गंभीरता से लिया है। एटीएम के माध्यम से लेनदेन में सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर पर्याप्त ध्यान नहीं देने पर आरबीआई ने बैंकों को कड़ी चेतावनी दी है। नियामक ने गुरुवार को बैंकों को इस वर्ष अगस्त तक की समय-सीमा देते हुए कहा कि वे या तो तब तक अपने-अपने एटीएम को अपग्रेड कर लें, या कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें।
दरअसल, इस वर्ष अप्रैल में एक गोपनीय अधिसूचना में आरबीआई ने एटीएम के ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर चिंता जताई थी। नियामक ने बैंकों से कहा था कि उनके एटीएम माइक्रोसॉफ्ट के विंडो एक्सपी या अन्य ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे हैं जिनके अपग्रेडेड संस्करण आ गए हैं और निर्माता ने पुराने संस्करणों से सपोर्ट वापस ले लिया है। ऐसे में उनकी सुरक्षा चिंताएं बेहद बढ़ गई हैं।
आरबीआई ने सभी बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम (जिन एटीएम पर किसी बैंक का नाम नहीं होता और जिन्हें निजी कंपनियां चलाती हैं) के प्रमुखों के नाम अधिसूचना में कहा कि एटीएम अपग्रेड करने में उनकी सुस्ती को केंद्रीय बैंक ने गंभीरता से लिया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक अपने बोर्ड में इस विषय पर चर्चा करें और इस दिशा में अपनी कार्ययोजना के बारे में केंद्रीय बैंक को जुलाई तक अवगत कराएं।
अगस्त तक दी मोहलत
एक तरफ आरबीआई ने बैंकों को एटीएम में सुरक्षा संबंधी कई फीचर जोड़ने और पर्याप्त बदलाव करने के लिए इस वर्ष अगस्त तक का समय दिया है। दूसरी तरफ उन्हें एटीएम के ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करने के लिए चरणबद्ध तरीके से अगले वर्ष जून तक का समय दिया गया है। इस वर्ष फरवरी के अंत तक देशभर में 2.06 लाख एटीएम परिचालन में थे। केंद्रीय बैंक ने अपने पत्र में कहा कि पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर एटीएम चलाने से ग्राहकों के हितों पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। दूसरी तरफ एटीएम में हुई धोखाधड़ी के चलते उस बैंक की छवि को भी चोट पहुंचती है।