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4,800 वेबसाइटों को नष्ट करने वाले सुपर हैकर की पहचान, वंदा-द-गॉड नाम से करता है हमले

इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म चेक प्वाइंट ने वंदा-द-गॉड नाम से उस सुपर हैकर को खोज निकाला है जिसने से सरकारों निगमों और व्यक्तियों के 4800 वेबसाइटों को नष्‍ट किया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:14 PM (IST)
4,800 वेबसाइटों को नष्ट करने वाले सुपर हैकर की पहचान, वंदा-द-गॉड नाम से करता है हमले
4,800 वेबसाइटों को नष्ट करने वाले सुपर हैकर की पहचान, वंदा-द-गॉड नाम से करता है हमले

नई दिल्ली, आइएएनएस। वंदा-द-गॉड (VandaTheGod) नाम से एक सुपर हैकर (Super Hacker), जिसने 2013 से सरकारों, निगमों और व्यक्तियों के 4,800 वेबसाइटों को हैक कर नष्ट कर दिया है, वह उबरलैंडिया शहर में रहने वाला ब्राजील का नागरिक है। इजरायली साइबर सुरक्षा फर्म चेक प्वाइंट (Isreali cybersecurity firm Check Point) के शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निष्कर्षों को साझा किया है।

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शोधकर्ताओं ने बताया कि वंदा-द-गॉड नाम के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गतिविधियां 2019 के अंत से रुकी हुई हैं। 2013 से दुनियाभर में सरकारों से संबंधित कई आधिकारिक वेबसाइटों को एक हमलावर द्वारा हैक किया गया और उसे नष्ट कर दिया गया। हमलावर अपनी पहचान वंदा-द-गॉड बताता था। हैकर ने कई देशों की सरकारों को निशाना बनाया, जिनमें ब्राजील, डोमिनिकन गणराज्य, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, थाईलैंड, वियतनाम और न्यूजीलैंड शामिल हैं। 

चेक प्वाइंट ने कहा, नष्ट वेबसाइटों पर छोड़े गए संदेशों में कहा जाता था कि हमले सरकार विरोधी भावना से प्रेरित हैं। हमला सामाजिक अन्याय का सामना करने के लिए किया गया है, जिनके बारे में हैकरों का मानना था कि यह सरकारी भ्रष्टाचार का प्रत्यक्ष परिणाम है। वंदा-द-गॉड ने सिर्फ सरकारी वेबसाइटों को ही निशाना नहीं बनाया, बल्कि सार्वजनिक व्यक्तियों, विश्वविद्यालयों और यहां तक कि अस्पतालों पर भी हमले किए।

एक मामले में हमलावर ने न्यूजीलैंड के 10 लाख रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड तक पहुंच बनाने का दावा किया, जो कि सिर्फ 200 डॉलर लगभग 15,000 रुपये में बिक्री के लिए उपलब्ध था। अभी हाल ही में एक साइबर अपराधी ने 4.75 करोड़ भारतीयों का रिकॉर्ड 75,000 रुपये में बिक्री के लिए उपलब्ध होने का दावा किया था। ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म साइबल की मानें तो साइबर अपराधी ने इन आंकड़ों का स्रोत ट्रूकॉलर को बताया था। हालांकि ट्रूकॉलर ने अपने डाटाबेस में किसी तरह की चोरी से इन्कार किया था। 


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