शोध को लेकर बढ़ा रुझान, पांच सालों मेंं पीएचडी करनेवालों की संख्या हो गई दोगुनी
सरकार के प्रयासों से देश में शोधार्थियों की संख्या बढ़ी है। लेकिन दिल्ली बिहार झारखंड जैसे राज्यों में इनकी संख्या में कमी आई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शोध के क्षेत्र में देश ने बड़ी छलांग लगाई है। पांच सालों में पीएचडी करने वालों की संख्या में दोगुनी की बढ़ोत्तरी हुई है। जो चौंकाने वाली है। हालांकि इस बढ़ोत्तरी के पीछे सरकार के प्रयासों को काफी अहम माना जा रहा है, जो 2014 के बाद से लगातार इसे बढ़ावा देने के लिए पूरी ताकत से जुटी हुई है। पिछले बजट में सरकार ने इसे बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का शोध प्रतिष्ठान खोलने की घोषणा की थी, जिस पर अभी काम चल रहा है। इसके अलावा शोधर्थियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी भी एक बड़ी पहल थी, जिसमें जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) के मानदेय को 28 हजार से बढ़ाकर 31 हजार किया गया था।
असम, आंध्र और यूपी में बढ़े तो दिल्ली और बिहार में घट गए शोधार्थी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक शोध को लेकर यह रूझान हालांकि पूरे देश में एक बराबर नहीं है। असम, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पिछले पांच सालों में शोध (पीएचडी) के मामले बढ़े है, वहीं दिल्ली, बिहार, झारखंड जैसे राज्यों में इनमें कमी सामने आयी है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में 2014-15 में जहां कुल 21 हजार छात्रों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है, वहीं 2018-19 में यह संख्या बढ़कर करीब 41 हजार हो गई है। संसद को दी गई इस रिपोर्ट के मुताबिक पीएचडी के मामले में यह बढ़ोत्तरी कोई अचानक नहीं हुई है, बल्कि यह साल-दर साल के हिसाब से बढ़ी है। यानि 2014-15 में जहां देश भर में कुल 21 हजार छात्रों को पीएचडी की उपाधि दी गई, वहीं 2015-16 में 24 हजार, 2016-17 में करीब 28 हजार, 2017-18 में करीब 34 हजार और अब 2018-19 में करीब 41 हजार छात्रों को पीएचडी उपाधि दी गई है।
गौरतलब है कि शोध को बढ़ावा देने की यह पहल सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की मुहिम के साथ ही शुरु की थी। इसके साथ सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को सामूहिक रुप से काम करने की जरुरत पर जोर दिया था।
किस राज्य में कितने हुए शोध (2014-15 और 2018-19 में तुलनात्मक)
उत्तर प्रदेश - 2625 --3996
उत्तराखंड- 408 ---1013
आंध्र प्रदेश- 292 ---2615
बिहार--874 ---856
झारखंड- 608--360
दिल्ली--1718---1594