गणतंत्र दिवस पर इस बार कोई विदेशी अतिथि नहीं, जानिए- इससे पहले कब-कब हुआ ऐसा
गणतंत्र दिवस में किसी भी मुख्य अतिथि का आना काफी अहम होता है। मुख्य अतिथि कौन होगा इस पर महीनों विचार-विमर्श होता है। इसके बाद भारत उस देश को चीफ गेस्ट के तौर पर चुनता है जिसके साथ भारत या तो अपनी दोस्ती को और मजबूत करना चाहता है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। गणतंत्र दिवस पर इस बार कोई विदेशी मेहमान मुख्य अतिथि के रूप में भारत नहीं आया है। दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार कोई विदेशी मेहमान नहीं आ पाया है। हालांकि, गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। लेकिन ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण बिगड़े हालात की वजह से बोरिस जॉनसन असमर्थता जता दी। वैसे बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस की परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। हां, पिछले पांच दशकों में यह पहला मौका है, जब गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी मेहमान नहीं आया है।
पाकिस्तान से गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि दो बार आए
आप को जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये बात सच है कि भारत दो बार पाकिस्तान के नेताओं को गणतंत्र दिवस में मेहमान के तौर पर आमंत्रित कर चुका है। 1955 में गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद और 1965 में पाकिस्तान के खाद्य और कृषि मंत्री राणा अब्दुल हमीद मुख्य अथिति के रूप में भारत आए। हालांकि, 1965 के बाद से भारत ने कभी भी पाकिस्तान के किसी नेता को गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया। भारत से भी कोई पाकिस्तान के इस तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने ही गया।
चौथी बार गणतंत्र दिवस पर कोई विदेशी अतिथि नहीं
ऐसा चौथी बार हो रहा है, जब कोई विदेशी मेहमान गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं हो रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक साल 1952 और 1953 में भी भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी नेता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल नहीं था। वहीं 1966 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के तुरंत बाद पड़े गणतंत्र दिवस पर भारत ने किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को आमंत्रित नहीं किया था।
ऐसे होता है मुख्य अतिथि का चुनाव
बता दें कि गणतंत्र दिवस में किसी भी मुख्य अतिथि का आना काफी अहम होता है। मुख्य अतिथि कौन होगा इस पर महीनों विचार-विमर्श होता है। इसके बाद भारत उस देश को चीफ गेस्ट के तौर पर चुनता है, जिसके साथ भारत या तो अपनी दोस्ती को और मजबूत करना चाहता है या फिर उसके साथ दोस्ती शुरू करना चाहता है। फ्रांस अब तक सबसे अधिक 5 बार गणतंत्र दिवस में बतौर मुख्य अतिथि आ चुका है।