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Republic Day Parade 2020: फ्लाईपास्ट में पहली बार दिखेंगे अपाचे और चिनूक, CRPF की डेयरडेविल्स टीम दिखाएगी करतब

वायुसेना में हाल में शामिल किए गए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर फ्लाईपास्ट में पहली बार शामिल होंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:06 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 09:44 AM (IST)
Republic Day Parade 2020: फ्लाईपास्ट में पहली बार दिखेंगे अपाचे और चिनूक, CRPF की डेयरडेविल्स टीम दिखाएगी करतब
Republic Day Parade 2020: फ्लाईपास्ट में पहली बार दिखेंगे अपाचे और चिनूक, CRPF की डेयरडेविल्स टीम दिखाएगी करतब

नई दिल्ली, एजेंसियां। दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल की तरह इस साल भी देश की तीनों सेनाओं का शौर्य देखने को मिलेगा। इस बार काफी कुछ ऐसा है जो इस परेड में पहली बार दिखाई देगा।

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परेड का नया आकर्षण भीष्म टैंक, 155/45 कैलिबर धनुष तोप, और डीआरजीओ की ओर से एंटी सैटेलाइट वेपन सिस्टम होगा, जिसे पहली बार दुनिया के सामने लाया जाएगा। वायुसेना में हाल में शामिल किए गए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टर फ्लाईपास्ट में पहली बार शामिल होंगे। इसके अलावा परेड में पाकिस्‍तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह करने वाले कमांडो की टुकड़ी को भी देखा जा सकेगा।

पहली बार वॉर मेमोरियल में सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार इंडिया गेट पर मौजूद अमर जवान ज्योति की जगह पहली बार वॉर मेमोरियल में सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। इस मौके पर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख उनकी अगवानी करेंगे। पिछले साल 25 फरवरी को देश को 44 एकड़ में बना वॉर मेमोरियल मिला था। 1971 के भारत-पाक युद्ध के शहीदों की याद में अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर 1972 में तैयार किया गया था।

सामने आएगा एंटी-सैटेलाइट सिस्टम

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विसकित देश के पहले एंटी सैटेलाइट वेपन सिस्टम की उपलब्धियों को परेड में प्रदर्शित किया जाएगा। एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम का परीक्षण पिछले साल 27 मार्च को किया गया था। भारत ने अंतरिक्ष में 300 किलोमीटर दूर एक लाइव सैटेलाइट को एंटी सैटेलाइट (A-Sat) मिसाइल सिस्टम ने मार गिराया गया। एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण के साथ ही भारत अंतरिक्ष में लाइव सैटेलाइट को मार गिराने की क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया था।

राजपथ पर दिखेगी नारी शक्ति

देश की नारी शक्ति इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में अपनी जांबाजी दिखाएंगी। सेना की पुरुषों की टुकड़ी की कमान एक महिला सैन्‍य अधिकारी के हाथों में होगी। आर्मी के कार्प्‍स ऑफ सिग्‍नल्‍स की कमानइस बार कैप्‍टन तान्‍या शेरगिल संभालेंगी। 

पहली बार CRPF की डेयरडेविल्स टीम

सीआरपीएफ की डेयरडेविल्स टीम पहली बार राजपथ पर 26 जनवरी के मौके पर मोटरसाइकिल के जरिए 9 तरह के अलग-अलग करतब दिखाएगी। इससे पहले राजपथ पर सीमा सुरक्षा बल के जवान हैरतअंगेज करतब किया करते थे, लेकिन अब ऐसा महिलाएं करने वाली हैं। एक ही बाइक पर छह महिला जवान जब अत्‍याधुनिक वैपन हाथों में लिए दिखाई देंगी तो यकीनन हर कोई दांतों तले अंगुली दबा लेगा।

स्वदेशी विमानों की झलक

गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में वायुसेना की झांकी भी होगी। इस झांकी में राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान तेजस, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें आकाश तथा अस्त्र को प्रदर्शित किया जाएगा।

लड़ाकू हेलीकॉप्टर फ्लाईपास्ट में होंगे शामिल

वायुसेना में हाल में शामिल किए गए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे और परिवहन हेलीकॉप्टर चिनूक इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्लाईपास्ट में पहली बार शामिल होंगे। पूरी दुनिया में अपनी मारक क्षमता के लिए मशहूर 350 कीलोमिटर प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से उड़ान भरने वाला अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर है। पिछले साल ही इसे वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया। अपाचे के प्रदर्शन में वायुसेना के नए लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को देखा जा सकेगा।

पाक में आतंकी कैंपों को तबाह करने वाले कमांडो

इस बार पाकिस्‍तान उन बहादुर कमांडो की उस टुकड़ी को देख सकेगा जिसने पाकिस्‍तान की सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह किया था। इसके अलावा दुश्‍मन का दिल दहला देने और अचूक निशाना लगाने वाली ऑटोमैटिक तोप भी पहली बार इस परेड की शोभा बढ़ाएगी। इसके अलावा पहली

एनडीआरएफ की झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर पहली बार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (National Disaster Response Force) की झांकी राजपथ से होकर गुजरेगी। इसमें बल तूफान और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अपने मानवीय प्रयासों को प्रदर्शित करने जा रहा है। प्राकृतिक आपदा और मानव निर्मित आपदा या ऐसी ही जीवन को संकट में डालने वाली परिस्थितियों के दौरान राहत एवं बचाव की विशेष जिम्मेदारी निभाने के लिए 2006 में इस बल का गठन किया गया था।


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