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ग्वालियर में आनलाइन, बिहार में ई-मेल से मांग पर मिलेगा रेमडेसिविर

गंभीर मरीजों के स्वजन इसके लिए बनाई गई वेबसाइट या मोबाइल एप पर लाग-इन कर रेमडेसिविर की मांग कर सकेंगे। इसमें मरीज की जानकारियां संक्रमण की स्थिति डाक्टर का पर्चा आदि अपलोड करना होगा। स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की टीम उस मांग का परीक्षण करेगी।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 11:16 PM (IST)
ग्वालियर में आनलाइन, बिहार में ई-मेल से मांग पर मिलेगा रेमडेसिविर
वितरण में परेशानी से निपटने के लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला प्रशासन और बिहार सरकार ने अपनाया नया तरीका

नई दिल्ली, टीम जागरण। कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में उपयोगी माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मची हायतौबा से निपटने के लिए ग्वालियर जिला प्रशासन ने नया तरीका खोज लिया है। बिहार सरकार ने भी इस इंजेक्शन की आपूर्ति की व्यवस्था बदल दी है। अब एक ई-मेल पर अस्पताल को सीधे इंजेक्शन की आपूर्ति कर दी जाएगी।

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ग्वालियर में उपलब्धता के बावजूद निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने, तीमारदारों के भटकने और अस्पताल प्रबंधन की मनमानी रोकने के लिए नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी और नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) मिलकर यह साफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं। इसके जरिये रेमडेसिविर की जरूरत वाले मरीज के तीमारदार या निजी अस्पताल भी अपनी मांग आनलाइन भेज सकेंगे। प्रशासन-स्वास्थ्य विभाग की टीम मांग की सत्यता और आवश्यकता का परीक्षण करेगी। इसके बाद इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

ऐसे काम करेगा नया साफ्टवेयर

गंभीर मरीजों के स्वजन इसके लिए बनाई गई वेबसाइट या मोबाइल एप पर लाग-इन कर रेमडेसिविर की मांग कर सकेंगे। इसमें मरीज की जानकारियां, संक्रमण की स्थिति, डाक्टर का पर्चा आदि अपलोड करना होगा। स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की टीम उस मांग का परीक्षण करेगी। आनलाइन आवेदन को स्वीकृत या अस्वीकृत किया जाएगा। आवेदन स्वीकृत होने की स्थिति में यह इंजेक्शन सीधे उस अस्पताल में पहुंचा दिया जाएगा, जहां मरीज भर्ती है। यह वेबसाइट और एप सात दिन में तैयार हो जाएगा। नई व्यवस्था से इंजेक्शन की कालाबाजारी खत्म होगी। इसमें रेमडेसिविर की कीमत आदि भी प्रदर्शित की जाएगी। स्वजन को रसीद भी मिलेगी।

ई-मेल से अस्पतालों को मिल जाएगा रेमडेसिविर

रेमडेसिविर की अधिक मांग को लेकर बिहार सरकार ने आपूर्ति की व्यवस्था बदल दी है। अब एक ई-मेल पर अस्पताल को सीधे इंजेक्शन की आपूर्ति कर दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल को मरीज का आधार कार्ड, पर्चा, कोरोना संक्रमित रिपोर्ट की स्कैन कापी के साथ स्वास्थ्य विभाग के राज्य औषधि नियंत्रक को मेल करना होगा। इसके बाद संबंधित अस्पताल को बिलिंग के साथ इंजेक्शन की आपूर्ति कर दी जाएगी।

टाक्सिलीजुमेब इंजेक्शन भी गंभीर मरीजों में प्रभावकारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के मेडीसिन विभागाध्यक्ष डा. रवि कीर्ति ने बताया कि टाक्सिलीजुमेब एक अन्य इंजेक्शन है जो कोविड-19 के गंभीर रोगियों में प्रयुक्त किया जाता है। यह संक्रमित की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर उसके चलते होने वाले नुकसान से शरीर का बचाव करता है, लेकिन इसके चलते कीटाणु-जनित अन्य संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। अत: बहुत सोच समझकर ही चिकित्सक इसका प्रयोग करते हैं।


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