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धर्म स्‍वातंत्र्य विधेयक 2020: 26 दिसंबर को होगी एक और कैबिनेट मीटिंग, उसमें होगा विचार: गृहमंत्री

आज मध्‍यप्रदेश कैबिनेट के समक्ष पेश होने वाले धर्म स्‍वातंत्र्य विधेयक 2020 का उद्देश्‍य लव जिहाद जैसे मामलों पर रोक लगाना है। इस विधेयक के तहत उल्‍लंघन करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान भी रखा गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 04:16 PM (IST)
धर्म स्‍वातंत्र्य विधेयक 2020: 26 दिसंबर को होगी एक और कैबिनेट मीटिंग, उसमें होगा विचार: गृहमंत्री
मध्‍यप्रदेश कैबिनेट के समक्ष पेश होगा धर्म स्‍वातंत्र्य विधेयक 2020

भोपाल, एएनआइ। धर्म स्‍वातंत्र्य विधेयक 2020  (Religious Freedom Bill 2020) को मंगलवार को कैबिनेट के समक्ष पेश किया गया।  इस क्रम में राज्‍य गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा, 'प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धर्म स्वतंत्र विधेयक-2020 पर अलग-अलग सुझाव आने के बाद अब इसे 26 दिसंबर को एक अलग कैबिनेट बैठक कर और उसमें प्रस्ताव पास करके इसे विधानसभा के लिए ले जाएंगे। 28 दिसंबर से मध्‍यप्रदेश विधानसभा सत्र की शुरुआत होगी जो तीन दिनों का होगा।

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इस माह के शुरुआत में मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इस विधेयक को 'बेटी बचाओ अभियान' बताया था। दरअसल इस विधेयक के तहत जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी जैसे मामलों पर रोक लगाना आसान हो जाएगा। मुख्‍यमंत्री ने कहा था, 'यह हमारा 'बेटी बचाओ अभियान' है।'  

'लव जिहाद'  जैसे मामलों पर रोक लगाने के उद्देश्‍य से लाए जा रहे इस विधेयक में मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार कड़े प्रावधान लागू करने वाली है। इसके तहत अब धर्म परिवर्तन करा शादी करने वाले दोषियों को 5 से 10 साल तक की कैद और 1 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। 

इस विधेयक के बाद लव जिहाद की पीड़िता के बच्‍चे के भरण-पोषण का दोनों का होगा। पिता की संपत्ति में भी बच्‍चे को उत्‍तराधिकार दिया जाएगा। ऐसे मामलों की शिकायत के बाद सेशन कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके समर्थन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कह दिया है कि अब राज्‍य में कोई भी व्यक्ति किसी को बहला-फुसलाकर, डरा-धमका कर शादी कर या षडयंत्र कर धर्म परिवर्तन नहीं करा पाएगा। इसका उल्‍लंघन करने वालों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की जाएगी। प्रस्तावित विधेयक में प्रावधान किया गया है कि किसी व्यक्ति द्वारा धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया जाता है, तो पीड़ित के माता-पिता या सगे संबंधी भी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। ऐसी शिकायत पर पुलिस आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करेगी। ऐसे मामले में अपराध गैर जमानती होगा।


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