जम्मू सीमा के निकट लोगों को राहत, 45 पक्के बंकर तैयार
सरकार ने एक मार्च, 2016 को आदेश जारी कर जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में 60 पक्के बंकर बनाने को मंजूरी दी थी।
रोहित जंडियाल, जम्मू। प्रत्येक साल पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्र के वासियों का पक्के बंकर बनने का इंतजार इस साल खत्म हो सकता है। सरकार की ओर से बनाए जा रहे 60 बंकरों में से 45 का काम लगभग पूरा हो गया है, जबकि शेष का काम जारी है।
सरकार ने एक मार्च, 2016 को आदेश जारी कर जम्मू के सीमावर्ती क्षेत्रों में 60 पक्के बंकर बनाने को मंजूरी दी थी। हर बंकर पर पांच लाख रुपये खर्च होने थे। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अखनूर में छह मंे से तीन बंकरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि तीन का काम जारी है। इसी तरह परगवाल में 12 और मढ़ में 10 बंकर बनाने का कार्य पूरा हो गया है।
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सुचेतगढ़ में 12 में से नौ बंकर बन गए हैं, जबकि तीन का काम पूरा होने के कगार पर है। आरएसपुरा में आठ में से चार और अरनिया में 12 में से सात का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इन दोनों क्षेत्रों में 11 बंकरों का काम जारी है। सरकार का कहना है कि सभी का काम बहुत जल्दी पूरा हो जाएगा।
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बड़ी संख्या में गांव होते हैं प्रभावित
पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलाबारी के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर बसे बहुत से गांव प्रभावित होते हैं। 2016 में जम्मू जिले की मढ़ तहसील में कुल 26 गांव गोलाबारी से प्रभावित हुए थे। इसी तरह परगवाल और खौड़ के 18-18, अरनिया और सुचेतगढ़ के 15-15, आरएसपुरा के चार और अखनूर के तीन गांव प्रभावित हुए थे। वहीं सांबा के 29, राजौरी के 24, कठुआ के 23 और पुंछ के नौ गांव भी पाकिस्तान की गोलाबारी से प्रभावित हुए। इन गांवों से हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा था। पिछले साल पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में 12 ग्रामीणों की मौत हो गई थी, जबकि 78 लोग घायल हुए थे।