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21 जून के सूर्यग्रहण से मिल सकती है कोरोना से राहत, जानिए क्‍या कहती है ज्‍योतिष शास्‍त्र की गणनाएं

ज्योतिष गणना में संभावना जताई गई है कि जून के प्रारंभ में भारत में परिस्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ जाएंगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 11:21 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 03:28 PM (IST)
21 जून के सूर्यग्रहण से मिल सकती है कोरोना से राहत, जानिए क्‍या कहती है ज्‍योतिष शास्‍त्र की गणनाएं
21 जून के सूर्यग्रहण से मिल सकती है कोरोना से राहत, जानिए क्‍या कहती है ज्‍योतिष शास्‍त्र की गणनाएं

नई दिल्ली, जेएनएन। ज्योतिष शास्त्र की गणनाएं बता रही हैं कि 21 जून को पड़ने जा रहे सूर्य ग्रहण से ग्रह-नक्षत्रों में हो रहे परिवर्तन के कारण महामारी से राहत मिल सकती है। यह सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में पड़ने जा रहा है। वहीं विस्तृत गणनाएं संकेत दे रही हैं कि मध्य अगस्त के बाद महामारी अपने पतन को प्राप्त होगी। वरिष्ठ ज्योतिष शास्त्री आचार्य डॉ. पवन त्रिपाठी का कहना है कि 30 मार्च को बृहस्पति का संचार धनु राशि से मकर राशि में हुआ था, जो 30 जून तक रहेगा। 

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अभी कुछ दिन भारत के लिए हो सकते हैं कष्‍टकारी 

30 जून को बृहस्पति वक्त्री होकर पुन: धनु राशि में आ जाएंगे। इसी बीच 21 जून को मृगशिरा नक्षत्र में सूर्य ग्रहण पड़ेगा। इसी दिन मंगल भी शनि की राशि छोड़कर बृहस्पति की राशि में जाएंगे, जो इस महामारी का प्रभाव कम करने में सहायक होंगे। बता दें कि इससे पहले 26 दिसंबर, 2019 को पड़े सूर्य ग्रहण का परिणाम अशुभ साबित हुआ है। इसके बाद ही भारत में इस महामारी का प्रभाव बढ़ना शुरू हुआ था। त्रिपाठी कहते हैं कि 11 मई के बाद से शनि भी वक्त्री हो गए हैं। वक्त्री शनि का प्रभाव शुभ नहीं होता। इसलिए अभी कुछ दिन भारत के लिए कष्टकारी साबित हो सकते हैं। 

 

जून 2020 तक महामारी का प्रभाव कम होने की संभावना 

महामारी से राहत के बारे में बात करते हुए पवन त्रिपाठी बताते हैं कि भारत वर्ष की कुंडली के अनुसार भी 14 अप्रैल तक समय ज्यादा खराब था। भारतीय नववर्ष का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 25 मार्च, 2020 अर्थात बुधवार को हुआ है। यानी इस वर्ष के राजा बुध हैं और उनके साथ मंत्री के रूप में चंद्र हैं। इन दोनों के प्रभाव से इस रोग का शमन जून 2020 तक हो जाने की संभावना है।

काशी के प्रख्यात ज्योतिष शास्त्री प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने बताया कि शनि 18 जून को वक्री हो रहे हैं और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे चरण में रहेंगे। इस समय सूर्य मिथुन राशि में तो शनि मकर राशि में होंगे। यही नहीं 27 मई को बृहस्पति भी वक्त्री हो रहे हैं, शनि जब वक्री होंगे तो कोरोना का प्रभाव कम होगा। यह प्रभाव 20 जून से 30 जून के बीच दिखाई देने लगेगा। 

जून के प्रारंभ से स्थितियां सामान्‍य की ओर बढ़ेंगी 

प्रख्यात ज्योतिषाचार्य केएन राव और उनके शिष्यों ने कोविड-19 का कोट (किला) चक्र बनाकर इसकी विस्तृत गणना की है। जर्नल ऑफ एस्ट्रोलॉजी में प्रकाशित इस ज्योतिषीय अध्ययन में कहा गया है कि 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर आ जाएगा, यहां से कीटाणुओं और वायरस के खात्मे में तेजी आ जाएगी। और जब 19 अगस्त को राहु मृगशिरा नक्षत्र में और केतु ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा, तब कोविड-19 का पतन स्पष्ट अनुभव किया जाएगा। इस गणना में संभावना जताई गई है कि जून के प्रारंभ में भारत में परिस्थितियां सामान्य होने की ओर बढ़ जाएंगी। फरवरी से मई के बीच जो कठिनाई सामने आई, उसकी तुलना में समय सामान्य प्रतीत होगा। 


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