गोवा चुनाव में प्रभाव जमाना चाहते हैं क्षेत्रीय दल
महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) 40 विधानसभा सीटों में से 18 पर चुनाव लड़ रही है।
पणजी, जेएनएन। बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के अलावा क्षेत्रीय पार्टियां भी गोवा विधानसभा चुनाव में प्रभाव जमाने के लिए प्रयासरत हैं और उन्हें स्वयं की चुनाव बाद की भूमिका की भी उम्मीद है। इसके अलावा इन क्षेत्रीय दलों में से एक ने तो अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।
महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) 40 विधानसभा सीटों में से 18 पर चुनाव लड़ रही है। यह पार्टी इस तटवर्ती राज्य में सबसे प्रमुख एवं ताकतवर है। भाजपा से अलग होने के बाद एमजीपी ने कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों जैसे गोवा सुरक्षा मंच और शिवसेना के साथ गठबंधन किया है।
पूर्व मंत्री सुधीन धावलिकर को इस गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जा रहा है। इस गठबंधन को उम्मीद है कि चार फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा।
यह भी पढ़ें: पंजाब इलेक्शन 2017: आम आदमी पार्टी ने पंजाब से भी किए दिल्ली जैसे लुभावने वादे
धावलिकर मडकाई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गोवा की राजनीति में क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा का प्रतिनिधित्व करती है। धावलिकर ने कहा, ‘‘एमजीपी क्षेत्रीय दलों एवं ताकतों का प्रतिनिधित्व करती है। गोवा की आजादी :1961 में: के बाद 18 वर्ष तक एमजीपी सत्ता में रही। वह जब सत्ता से बाहर थी तब भी एमजीपी का गोवा विधानसभा में प्रतिनिधित्व रहा।
यह भी पढ़ें: केंद्र अभिव्यक्ति की आजादी कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध: जावड़ेकर
गत वर्ष बागी आरएसएस नेता सुभाष वेलिंगकर ने जीएसएम शुरू की थी। यह पार्टी राज्य में सबसे नयी क्षेत्रीय पार्टी है और इस पर राजनीतिक पर्यवेक्षकों की नजदीकी नजर है।